प्रदेशव्यापी हड़ताल : विधानसभा में BJP का स्थगन प्रस्ताव.. कोरबा में संघ ने दी चेतावनी
छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदन की कार्यवाही के बीच बीजेपी ने कर्मचारियों की हड़ताल पर स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने मांग की है कि कर्मचारियों की हड़ताल पर चर्चा करवाई जाए।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर बीजेपी ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। बीजेपी ने शुक्रवार की कार्यवाही रोककर कर्मचारियों की हड़ताल पर सदन में चर्चा कराने की मांग की है। उनका कहना है कि 71 विभाग के कर्मचारी 5 दिन तक कलम बंद आंदोलन करेंगे। इससे राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में काम प्रभावित होगा।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन जिला इकाई कोरबा के जिला संयोजक के.आर.डहरिया, कार्यकारी जिला संयोजक जे.पी.खरे, महासचिव तरुण सिंह राठौर व जिला प्रवक्ता ओम प्रकाश बघेल सहित अन्य लोगों ने आयोजित एक प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर कर्मचारियों के हितों को लेकर उपेक्षा कर रही है। इसके साथ ही छग कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन जिला इकाई कोरबा के पदाधिकारी केआर डहरिया, जेपी उपाध्याय, जेपी खरे, तरूण सिंह राठौर, एसएन शिव, ओमप्रकाश बघेल, प्यारेलाल चौधरी, आरके पाण्डेय, एसके द्विवेदी, केडी पात्रे, मानसिंह राठिया, रामचंद नामदेव, प्रवेश सोनी, नृत्यानंद यादव, प्रदीप कुमार कश्यप, अनुज सिंह कोर्राम, विनय सोनवानी, प्रवीण कुमार गुप्ता, गितेश सिंह, आरके सिंह, महेन्द्र मिश्रा, रामेश्वर पटेल, शिवलाल भगत, हरीश राठौर, नकुल सिंह राजवाड़े, संतोष कुमार शुक्ला, आरडी केशकर, देवेन्द्र सोनी, श्रीमती जेपी करपे, अंजू भगत, लोकनारायण जायसवाल, अजय पाण्डेय, पुरुषोत्तम तिवारी सभी पदाधिकारियों ने जिले में कार्यरत सभी कर्मचारी-अधिकारियों को 5 दिवसीय हड़ताल में शामिल होने की अपील की है।
दरअसल शुक्रवार को सदन की कार्यवाही के बीच विपक्षी पार्टी ने कर्मचारियों की हड़ताल पर स्थगन प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि 25 से 29 जुलाई तक सभी सरकारी दफ्तरों में कलम बंद आंदोलन है। सदन में बीजेपी विधायकबृजमोहन अग्रवाल ने स्थगन पर कहा कि एक लाख कर्मचारी पूरे प्रदेश में हड़ताल करते हैं। सरकारी कर्मचारी सरकार के हाथ-पैर होते हैं, अगर काम बंद होगा तो छत्तीसगढ़ को लकवा मार जाएगा। कर्मचारियों की हड़ताल पर चर्चा करवाई जाए।
वहीं उन्होंने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि टी.एस. सिंह देव ने घोषणा पत्र बनाया था। यह उनका घोषणा पत्र था कि पूरी कांग्रेस पार्टी का था, उसको आत्मसात क्यों नहीं किया जा रहा हैं? सरकारी कर्मचारी डीए महंगाई भत्ते के लिए आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि ये सरकार दगा देकर आई है, आश्वासन देकर वोट बटोर लिए। 1 लाख 9 हजार सहायक शिक्षक हड़ताल पर हैं. रायपुर आ रहे हैं तो पुलिस रोक रही है। यह बिलकुल उचित नहीं।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में लाखों अधिकारी-कर्मचारी हैं और लंबे समय से महंगाई भत्ता को लेकर आंदोलन चल रहा है। कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार भी केंद्र की तरह महंगाई भत्ता में वृद्धि करें और सातवें वेतनमान के अनुरूप भाड़ा भत्ता स्वीकृत करें। उनका कहना है हर महीने कर्मचारियों को इससे 5 हजार रुपये का नुकसान होता है। यही वजह है कि सरकार के सामने आर-पार की लड़ाई की तैयारी में कर्मचारी आगे बढ़ रहे हैं।
