सुरेंद्र किशोर : अटल की 27 साल पुरानी राजनीतिक भविष्यवाणी
अटल बिहारी वाजपेयी ने सन 1995 में जो राजनीतिक भविष्यवाणी की थी,वह सच साबित हो रही है।
सन 2024 के लोक सभा चुनाव में उस पर अंतिम मुहर लग सकती है।

अटल ने तब कहा था
‘‘लोग कांग्रेस के दुःशासन से मुक्त होना चाहते हैं।
वे जानते हैं कि केवल भाजपा ही कांग्रेस को अपदस्थ करने में सक्षम है।
वे यह भी जानते हैं कि केवल भाजपा ही स्थायित्व और उत्तरदायित्व दोनों शर्तों को पूरा कर सकती है।
लोग 1979 और 1989 की मिलीजुली सरकारों की दुर्दशा देख चुके हैं।
वे कटु अनुभवों को दोहराना नहीं चाहेंगे।
भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के लिए जितने अधिक प्रयत्न होंगे,भाजपा को उतनी ही अधिक शक्ति मिलेगी।’’
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(–अटल बिहारी वाजपेयी-पांचजन्य-12 नवंबर 1995)
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आज देश की राजनीति पर भाजपा छा गई है।
इसका ‘श्रेय’ भाजपा के साथ ही कतिपय भाजपा विरोधी दलों व उनके नेताओं को भी मिलना चाहिए।
नरेंद्र मोदी व भाजपा की मौजूदा ताकत के पीछे जिन तत्वों का योगदान है ,उनमें मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति का 25 प्रतिशत योग है।
25 प्रतिशत योगदान भाजपा व संघ की ताकत का है।
बाकी 50 प्रतिशत ‘योगदान’ भाजपा विरोधियों राजनीतिक तत्वों व बुिद्धजीवियों का है।
उन विरोधियों ने अनजाने में भाजपा व नरेंद्र मोदी को जनता के बीच ताकतवर बना दिया है।
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प्रतिपक्षियों की कमजोरी का काफी लाभ भाजपा को मिलता रहा है।
वे कमजोरियां क्या हैं ?
वे हैं
1.-वंशवाद-परिवारवाद-जातिवाद-कल्पनाहीन नेतृत्व
2.-भीषण भ्रष्टाचार व महा घोटाले
3.-वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण।
तुष्टिकरण के लिए
राष्ट्रहित,राष्ट्रीय एकता-अखंडता की भी उपेक्षा।
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कुछ कमजोरियां भाजपा में भी हैं।
पर,इस देश के मतदाताओं ने अधिकतर अवसरों पर बदतर को छोड़कर बेहतर को चुना है।
मेरी समझ से अपवादों को छोड़कर मतदाता कभी गलत नहीं होते।
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मतदाताओं ने न तो पंजाब में ‘आप’ को चुनकर कोई गलती की और न ही यू.पी.में भाजपा को सत्ता सौंप कर।
मतदाताओं ने 1971 में इंदिरा गांधी और 1995 में लालू प्रसाद को ताकत पहुंचा कर भी कोई गलती नहीं की थी।
न ही 1977 में इंदिरा को हरा कर गलती की और न ही लालू प्रसाद के दल को बिहार की सत्ता से अलग करके।
