कलेक्टर की कार्यशैली का परचम..जैसे त्रिवेणी का संगम

मनु स्मृति में राजा के गुणों एवं कर्तव्यों के विषय में कहा गया है कि प्रजा का ध्यान रखने वाले में आध्यात्मिक है तो संवेदनशीलता का स्वभाव उसमें होगा और संवेदनशील होने का गुण सभी को सहयोग के लिए प्रेरित करेगा।

 ‘बाइबल इन इण्डिया’ नामक ग्रन्थ में लुई जैकोलिऑट ने भी लिखा है – “मनुस्मृति ही वह आधारशिला है जिसके ऊपर मिस्र, परसिया, ग्रेसियन और रोमन कानूनी संहिताओं का निर्माण हुआ। ” जिलाधीश श्रीमती रानू साहू की प्रशासनिक स्तर पर, नीजि कार्यशैली में आध्यात्मिकता,सहयोग, संवेदनशीलता ये सारे गुण स्पष्ट रूप से दृष्टिगत होते हैं। 

आध्यात्म : बिना प्रचार के प्रसाद…

जिले में स्थित कनकी स्थित महादेव के मंदिर में कलेक्टर मैडम का आध्यात्मिक पक्ष सामने आया। महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रीमती रानू साहू दर्शन करने गईं और कतार में खड़े भक्तों को जब वे स्वयं प्रसाद बांट रहीं थीं, उस मध्य कुछ लोगों ने प्रचारित करने के लिए फ़ोटो शूट करना चाहा लेकिन श्रीमती साहू ने विनम्रता से मना कर दिया। मंदिर की दानपेटी में भी जो अर्पण कीं, उसकी झलक भी लोगों को नहीं मिली। “नेकी कर दरिया मे डाल” यह अर्थ खोती अनुकरणीय कहावत आज भी प्रासंगिक है तो कलेक्टर श्रीमती रानू साहू जैसे जमीन से जुड़े लोगों के कारण, जो किसी काम को छोटा नहीं समझते और प्रचार भी नहीं चाहते।

 

सहयोग : प्रथम प्राथमिकता विभागीय अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय

निगम में महापौर रहते लखन लाल देवांगन अपने सरल स्वभाव के कारण सबसे ज्यादा लोकप्रिय महापौर रहे और आज भी लोग उनका उदाहरण देते हैं। घर जाने के लिए कार में बैठने के बाद भी अगर कोई अपनी परेशानी लेकर आता तो कार से उतरकर उसकी बात सुनते थे या फिर जवाब देते थे ” बिहनहिया घर आ जाबे, चहा पिया दुहुं, अउ तोर गोठ तको ल सुन लुहुं ”

कुछ ऐसा ही दृश्य शुक्रवार को सामने आया था जब कलेक्ट्रेट परिसर में लंच के लिए ऑफिस से बच्चे के साथ निकलते ही श्रीमती साहू ने सीढ़ियों से ऊपर आ रहे DIC के तिर्की साहब के साथ अन्य लोगों को देखकर पूछ बैंठी – ” कैसे ?” उन्होंने बताया कि मीटिंग थी ? उनके द्वारा मैडम को सूचना करने में चूक हुई थी। लगभग 3:30 बज रहे थे। तत्काल श्रीमती साहू ने लंच का कार्यक्रम कैंसिल कर सबको मीटिंग हॉल में बैठने को कहा, चूंकि आगे शनिवार, रविवार की छुटियां भी थी, विभागीय काम की गति बनी रहे, सो मीटिंग के बाद ही वे लंच के लिए निकलीं।

संवेदनशीलता : बुजुर्गों की सुविधाओं का ध्यान

कलेक्टर श्रीमती रानू साहू कई अवसरों पर बुजुर्गों के प्रति एक्सट्रा संवेदनशीलता बरतती हैं। ऐसा ही एक अवसर पसान प्रवास के दौरान वापसी में ग्राम घुमानीडांड के शासकीय उचित मूल्य की दुकान के निरीक्षण के मध्य सामने आया जब ग्राम घुमानीडांड की बुजुर्ग महिला श्रीमती बुधनी बाई को मैले कुचैले कपड़े और उनके पैरों को बिना चप्पल के देख कलेक्टर श्रीमती साहू के निर्देश पर तत्काल बुजुर्ग महिला को साड़ी और चप्पल एसडीएम श्री कौशल प्रसाद तेंदुलकर ने उपलब्ध कराएं। राशन दुकान तक बुजुर्गों को चक्कर न लगाना पड़े इसके लिए उन्होंने राशन दुकान तक आने में असमर्थ बुजुर्ग हितग्राहियों को राशन पहुंचाने के लिए नॉमिनी नियुक्त करने के निर्देश दिए।

 

कई बार अधिकारियों को किनारे करके वे ग्रामीणों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेने का प्रयास करतीं हैं। ग्रामीण भी खुलकर बात रखते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *