मोदी है तो मुमकिन है लेकिन मोदी को समझना नामुमकिन है.. इंडिया के बाद अब मेक फ़ॉर द वर्ल्ड.. -चन्दर मोहन अग्रवाल-
किसान कानूनों की वापसी पर बहुत कुछ पूछा या लिखा जा रहा है।
मोदी जी की क्या प्लानिंग है। क्यों वापस लिए गए। आगे के लिए इसका किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कैसे किसानों को बेहतरी के लिए इसे बैक डोर से लागू किया जाएगा। कैसे आढ़तियों का ताबीज बांधा जाएगा।अमेरिका, कनाडा,ग्रेट ब्रिटेन द्वारा दिये जा रही खालिस्तान मूवमेंट को हवा का रुख कैसे इन्हीं देशों के खिलाफ पलटा जाएगा, इन सब पर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द लिखूंगा।
आशा है आपको पसंद भी आएगी और मोदी की दूरदर्शिता पर नाज भी होगा।
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मेक इन इंडिया की सफलता के बाद मोदी का नया नारा आया है। मेक फ़ॉर द वर्ल्ड।
क्या भारत आने वाले दशक में चीन को रिप्लेस करने जा रहा है? क्या भारत दुनिया की फैक्ट्री बनने में कामयाब हो जाएगा?
दुबई एयरशो में भारत के तेजस ने तेज दिखाना शुरू कर दिया है। दुनिया के देश अब पंक्तिबद्ध हो रहे हैं तेजस को खरीदने के लिए। और किसी देश को तो नहीं पर चीन और पाकिस्तान को जरूर इससे मिर्ची लगेगी क्योंकि जितने भी तेजस बिकेंगे वो J17 (चीन और पाकिस्तान का संयुक्त उपक्रम) की ग्राहकी को ही तोड़ कर बिकेंगे।
यहॉं दो बहुत महत्वपूर्ण बातें नोट करने की हैं।
पहली यह कि तेजस को मोस्ट विजिटिंग एयर क्राफ्ट यानी सबसे ज्यादा देखने आने वालों का खिताब मिला है और दूसरा यह कि इन आगुन्तकों ( विजिटिंग ) में पाकिस्तानी एयरफोर्स के लोग भी शामिल थे।
मतलब साफ है दुश्मन की ताकत नापने आये थे। जिस तेजस को समोसा समोसा कह कर पाकिस्तानी मजाक बनाते थे आज उसी समोसे के अंदर की मिर्च ने इनके पिछवाड़े में आग लगा दी है और उसका धुंवा साफ साफ पाकिस्तानी एंकरों के मुंह से TV चैंनलों पर साफ साफ निकलता दिखाई दे रहा है❗
पर हमें क्या।
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नरवणे जी 5 दिन के टूर पर इस्राइल गए हैं।
ऐसी क्या बात है जो नरवणे जी को इस्राइल जाना पड़ा।
है तो यह सिर्फ कयास ही पर मुझे लगता है कि पाकिस्तान के परमाणु बम्बों का तावीज बनाने के लिए इस्राइल से जरूरी जानकारी या मदद हासिल करने गए हैं।
इस जरूरी जानकारी में इस्राइल की वो तकनीक हासिल करना है जिसके चलते इस्राइल 100℅ एक्यूरेसी से अपने दुश्मनों को रौंद देता है। भूतकाल में इस तरह का आपरेशन इस्राइल ईरान के परमाणु संयंत्रों को नष्ट करने में कर चुका है।
इस्राइल भारत को मदद इसलिए भी करना चाहता है क्योंकि इस्राइल को डर है कि कहीं पाकिस्तान का इस्लामी परमाणु बम्ब चरमपंथी समूह हमास हासिल न कर ले। ऐसे में एक बम्ब भी छोटे से इस्राइल को हमेशा के लिए दुनिया के नक्शे से हटा सकता है।
S400 के हासिल हो जाने के बाद भारत अब अपने इस मिशन को मूर्तरूप देने में लग सकता है। पहले पाकिस्तान और फिर चीन का तावीज बनना तय है।
