20 वी सदी की गलती सुधारकर 21वी सदी के भारत में ट्रेनों-संस्थाओं के नाम वीरांगनाओं लक्ष्मीबाई आदि के बाद …अब ‘ खानदान ‘ के नाम पर नहीं बल्कि देश के राष्ट्रीय नायकों के नाम पर रखे जा रहे हैं स्कूलों-कॉलेजों के नाम

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूलों-कॉलेजों का नामकरण परिवार विशेष के सदस्यों के नाम पर करने के स्थान पर अन्य प्रमुख वीरगति को प्राप्त करने वालों के नाम पर रखा जाने लगा है, इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के अलीगढ़ नोड तथा राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के प्रदर्शनी मॉडल को भी देखने गए।
इस कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान, प्रधानमंत्री ने दिवंगत कल्याण सिंह जी को याद किया। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में अलीगढ़ के उभरते महत्व और अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना देखकर कल्याण सिंह जी को बहुत खुशी होती।
प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि ऐसी कितनी महान हस्तियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। लेकिन यह देश का दुर्भाग्य था कि आजादी के बाद, देश की आने वाली पीढ़ियों को ऐसे राष्ट्रीय नायकों और राष्ट्रीय नायिकाओं के बलिदान से अवगत नहीं कराया गया। प्रधानमंत्री ने अफ़सोस जताते हुए कहा कि देश की कई पीढ़ियां, उनकी कहानियों को जानने से वंचित रहीं। प्रधानमंत्री ने कहा, आज 21वीं सदी का भारत 20वीं सदी की इन गलतियों को सुधार रहा है।
प्रधानमंत्री ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के जीवन से हमें अदम्य इच्छाशक्ति, अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जाने की इच्छा रखने की सीख देता है। उन्होंने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी भारत की आजादी चाहते थे और अपने जीवन का एक-एक पल उन्होंने इसी के लिए समर्पित कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब आजादी का अमृत महोत्सव के समय भारत शिक्षा और कौशल विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है तो मां भारती के इस योग्य सपूत के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना ही उनके लिए वास्तविक ‘कार्यांजलि’ है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय न केवल उच्च शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बनेगा बल्कि आधुनिक रक्षा अध्ययन, रक्षा निर्माण से संबंधित प्रौद्योगिकी और कार्यबल विकास के केंद्र के रूप में भी उभरेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की, स्थानीय भाषा में कौशल और शिक्षा की विशेषताओं से इस विश्वविद्यालय को बहुत लाभ होगा।

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