E ₹uPI : रुपये ट्रांसफर के लिए इंटरनेट, स्मार्ट फोन जरूरी नही..
सोमवार को कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस पेमेंट्स के लिए डिजिटल पेमेंट सर्विस e-rupi लॉन्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। ई-रुपी एक ई-वाउचर के तौर पर काम करता है जो QR Code और एसएमएस पर बेस्ड है जो मोबाइल के जरिए लाभार्थियों को मिलेगा। पीएम ने विडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक वाउचर डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन से पर्दा उठाया। इस डिजिटल पेमेंट के जरिए सबसे पहले मुंबई की एक निवासी ने Covid-19 के एक वैक्सिनेशन सेंटर पर पेमेंट किया और यह भुगतान आसानी से और कुछ ही सेकेंड्स में हो गया।
पीएम ने ई-रुपी को लॉन्च करते समय कहा कि ई-रुपी वाउचर के साथ देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन और DBT को बढ़ने में मदद मिलेगी। इससे देश में हर कोई टारगेटेड, ट्रांसपेरेंट और लीकेज फ्री डिलिवरी में मदद ले पाएगा। पीएम ने कहा कि अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो वह कैश के बजाय e-RUPI दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन उसी काम में लगा है जिसके लिए वो राशि दी गई है।
पीएम ने आगे कहा कि e-Rupi एक उदाहरण है कि किस तरह अडवांस टेक्नॉलजी की मदद से 21वीं सेंचुरी में भारत आगे बढ़ रहा है और लोग एक-दूसरे से तकनीक के जरिए जुड़ रहे हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि ई-रुपी की शुरुआत इस साल हुई है, जबकि देश स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह मना रहा है। उन्होंने आगे कहा कि शुरुआती चरण में ये योजना देश के हेल्थ सेक्टर से जुड़े बेनिफिट पर लागू की जा रही है। समय के साथ इसमें और भी चीजें जुड़ती चली जाएंगी।
डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए पिछले 6-7 साल में देश में जो काम हुआ है, उसकी लोहा दुनिया मान रही है। विशेषकर भारत में फिनटेक का बहुत बड़ा आधार बनाया गया है, जो कि बड़े देशों में भी नहीं है।