सुरेंद्र किशोर : शत्रुघ्न सिन्हा की नई पार्टी..यहां से उम्मीदवारी..!
शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बार अपने लिए सही पार्टी का चुनाव किया है।
यह काम उन्हें पहले ही करना चाहिए था।
जिस कारणवश भाजपा ने बिहारी बाबू को सन 2019 में लोस का टिकट नहीं दिया,वैसी कोई नौबत तृणमूल कांग्रेस में कभी नहीं आएगी।
याकूब मेमन जैसों की मदद करने के कारण तृणमूल
कांग्रेस शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट कभी नहीं काटेगी।
सन 2015 में भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक विवादास्पद पेटिशन पर दस्तखत किया था।
राष्ट्रपति को प्रेषित उस पेटिशन में याकूब मेमन को फांसी की सजा से बचा लेने की गुहार की गई थी।
सन 1993 में दाउद इब्राहिम ने बंबई में सिरियल विस्फोट करवाए थे।
उसमें करीब 300 निर्दोष लोगों की जानें चली गई थीं।
याचिका देने वालों का आशय यह समझा गया कि उन्हें उस जघन्य कांड के सजायाफ्ता याकूब मेमन की जान की तो चिंता है,किंतु उन 300 लोगों की जान की नहीं।
उस पेटिशन के बाद ही भाजपा ने शत्रुघ्न से किनारे कर लिया।
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याद रहे कि ममता बनर्जी ने जुलाई, 2018 में कह दिया था कि यदि एन.आर.सी. लागू किया गया तो भारी खून-खराबा होगा।
एन.आर.सी. अवैध बांग्लादेशी व रोहिग्या को निकाल बाहर करने के लिए लागू किया जाना है।
खुद ममता ने उन घुसपैठियों को निकाल बाहर करने की मांग के समर्थन में 2005 में लोक सभा में भारी हंगामा किया था।
जब स्पीकर ने उन्हें बोलने नहीं दिया तो ममता ने लोक सभा की सदस्यता से इस्तीफा लिख दिया था।
तब बांग्ला देशी घुसपैठियों के मतों का लाभ वाम मोर्चा को मिला करता था।
अब जब उसका लाभ खुद ममता को मिलने लगा तो घुसपैठियों की रक्षा में खून की नदी बहाने के लिए ममता तैयार रहती हंै।
ध्यान रहे कि चार बांग्ला देशी जेहादी आतंकवादी
कल भी मध्य प्रदेश में पकड़े गए हैं।
ऐसे में शत्रुघ्न सिन्हा का चुनाव टिकट याकूब मेमन जैसों की मदद करने के कारण अब कभी नहीं कटेगा।
याद रहे कि ममता बनर्जी ने शत्रुघ्न सिन्हा को आसनसोल लोक सभा क्षेत्र के उप चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है।