सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को अपराधिक फिजूलखर्ची बोले राहुल…आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिखाया आईना

एक ही मुद्दे को बार-बार रटने की नीति ने कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर दिया है तो इसमें सच्चाई भी है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आदत एक ही मुद्दे पर बार-बार राग अलापने की हो गई है। वह चाहे राफेल का मामला हो या मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का मामला या फिरे सेंट्रल विस्टा निर्माण का मामला।
राहुल गांधी ने एक बार फिर इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ट्वीट के माध्यम से हमला किया है, जिस पर ट्वीट को लेकर आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने उन्हें एक बार फिर आईना दिखाया है। उन्होंने सरकारी दस्तावेज के आधार पर तथ्य के साथ सेंट्रल विस्टा के निर्माण और कांग्रेस के पाखंड एवं दोहरा चरित्र को उजागर कर दिया है।
राहुल गांधी ने सेंट्रल विस्टा निर्माण को आपराधिक अपव्यय बताया है। साथ ही राहुल गांधी ने अपरोक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए लिखा है कि लोगों का जीवन केंद्र में होना चाहिए, नया आशियाना पाने के लिए आपका अंधा अहंकार नहीं।
राहुल गांधी के इस ट्वीट को लेकर आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने राहुल गांधी और कांग्रेस के पाखंड को उजागर कर दिया है। कांग्रेस शासित राज्यों की विफलताओं को छिपाने के लिए राहुल गांधी हमेशा ही ओछी राजनीति का सहारा लेते हैं। अपने राज्यों की असफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए वे झूठ फैलाते रहते हैं। राहुल गांधी ने अपनी इसी हरकत के सहारे सेंट्रल विस्टा के निर्माण से होने वाले परोक्ष या अपरोक्ष रोजगार के बारे में जाने बगैर ओछी राजनीति करनी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया है कि इस प्रोजेक्ट से हजारों स्किल्ड, सेमी स्किल्ड और अनस्किल्ड कामगारों को रोजगार मिलने वाला है।
सेंट्रल विस्टा निर्माण पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने ट्वीट में बताया कि कांग्रेस अपना पाखंड कभी नहीं रोक सकती। वह हमेशा से दोहरा चरित्र वाली पार्टी रही है। आप भी उसका शर्मनाक दोहरा चेहरा देखिए। यूपीए के दौरान कांग्रेस जब सत्ता में थी तब कांग्रेस के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर नया पार्लियामेंट की आवश्यकता जताई थी। साल 2012 में स्पीकर ने तत्कालीन शहरी विकास मंत्री को इसी संदर्भ में पत्र लिखा था। लेकिन उसी कांग्रेस को उसी प्रोजेक्ट के विरोध करने पर शर्म तक नहीं आती है।  प्रोजेक्ट नया नहीं है फिर भी कांग्रेस का पाखंड बार-बार सामने आ जाता है। कांग्रेस और उसके सहयोगी महाराष्ट्र में विधायकों के नए होस्टल और विधानसभा की नई बिल्डिंग बनाने की मांग कर रही है, छत्तीसगढ़ में विधानसभा बिल्डिंग बनाने की मांग कर रही है। अगर यह सही है तो फिर सेंट्रल विस्टा के निर्माण में क्या समस्या है?
कांग्रेस सरकार के पॉलिसी पैरालैसिस की तरह मोदी सरकार में ठहरी हुई नहीं है। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान विभिन्न विभागों के अंतर्गत सैकड़ों प्रोजक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं। उन्हीं में से सेंट्रल विस्टा एक प्रोजेक्ट मात्र है। जिस पर लगातार राजनीति जारी है।