कोरबा सहित संपूर्ण छत्तीसगढ़ में कोविड हॉस्पिटलों में fire system की व्यवस्था व ट्रेनिंग पर संज्ञान लेना मरीजों के हित में जरूरी..

कोरोना काल में देशभर के कई अस्पतालों में fire safety नॉर्म्स की धज्जियाँ उड़ गई है

समूचा देश कोरोना से लड़ रहा है। नित कोरोना के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं, हालाँकि इसके साथ ही में रिकवरी की दर भी लगातार बेहतर हो रही है। लेकिन अब कोरोना के साथ एक और मामला बढ़ता जा रहा है और इस पर कोरबा सहित छत्तीसगढ़ के सभी हॉस्पिटलों पर नजर रखने की जरुरत है और वो है देश भर के अस्पतालों में लगातार आग लगने की घटना।
कोरबा के कुछ कोविड हॉस्पिटल में मरीजों के बेड की संख्या में वृद्धि की जा रही है, ऐसे में यह भी देखना होगा कि उसी अनुपात में fire safety से संबंधित उपकरणों की भी उचित व्यवस्था हो।  कोविड हॉस्पिटलों के साथ ही गैर कोविड समस्त नीजि चिकित्सालयों का भी निरीक्षण किया जाना चाहिए, ताकि कोई भी गंभीर हादसा होने से टल जाए।
 कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत के साथ ही लगातार देश भर के कई अस्पतालों में fire safety system के फेल होने और उस कारण मरीजों की मौत की खबरें लगातार सामने आई है।
गुजरात के भरूच में कोविड अस्पताल में भीषण आग लगने से हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से 16 मरीज थे और 2 अस्पताल के स्टाफ। भरूच के पटेल वेलफेयर अस्पताल में रात करीब 12.30 बजे यह हादसा हुआ। ऐसे कई मामले देखने को मिले खास कर महाराष्ट्र में मुंबई के विरार स्थित विजय वल्लभ अस्पताल में 23 अप्रैल को आग लगने से हादसे में 14 कोरोना मरीजों की मौत हो गयी थी।
मुंबई के विरार स्थित विजय वल्लभ अस्पताल में आग लग गई। 23 अप्रैल को हुए इस हादसे में 14 कोरोना मरीजों की मौत हो गयी है।  28 अप्रैल को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से सटे मुंब्रा इलाके में स्थित प्राइम हॉस्पिटल में आग लगने की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई थी। जानकारी के अनुसार, ये एक नॉन-कोविड हॉस्पिटल था। मार्च के अंत में मुंबई के ड्रीम्स मॉल में स्थित COVID हॉस्पिटल में आग लगने की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद 10 अप्रैल को नागपुर के एक हॉस्पिटल में आग लगने की वजह से 4 लोगों की मौत हो गई थी।
जनवरी में ही भंडारा जिला हॉस्पिटल में आग लगने की वजह से 10 बच्चों की जान चली गई थी। उससे पहले साल 2020 में उल्हासनगर जिला के COVID-19 हॉस्पिटल में आग लगी थी।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि हॉस्पिटल प्रबंधन कोरोना के चक्कर में Fire safety को भूल जा रहे हैं या सिर्फ राज्य सरकार की अक्षमता के कारण ये अस्पताल बिना किसी Fire Safety के ही काम कर रहे थे।
अब छत्तीसगढ़ सरकार को इस संबंध में संज्ञान लेते हुए तुरंत कोई एक्शन लेना चाहिए, जिससे प्रदेश इसे रोका जा सके और मरीजों के जीवन से कोई खिलवाड़ न हो। स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन को कोविड हॉस्पिटलों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों को शहर के सभी कोविड अस्पतालों में सुरक्षा जांच करने के भी निर्देश देकर सघन जांच कराए जाने की आवश्यकता हैं।इसके साथ ही राज्य सरकार को नित नए बन रहे कोविड हॉस्पिटलों में Fire Safety को लेकर सख्त कानून बनाना चाहिए।
अभी हाल ही में 17 अप्रैल 2021 को ही रायपुर में एक निजी हॉस्पिटल की गहन चिकित्सा इकाई में आग लगने के बाद कोरोना वायरस के मरीजों की मौत की घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं।