लगातार दूसरी बार बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता पर हमले तो भूल जाइए, उनका मजाक भी नहीं उड़ाया..बंगाल हिंसा से पलायन को ट्विटर पर फ़ोटो के साथ माना
पश्चिम बंगाल और असम में एक साथ विधानसभा चुनाव हुए और एक ही दिन दोनों राज्यों में नतीजे घोषित किए गए। लेकिन दोनों राज्यों में जीत का जश्न मनाने का संस्कार बिलकुल ही भिन्न है।
बंगाल में टीएमसी जीत का खूनी जश्न मनाने का आरोप लग रहै हैं। आरोप है कि हिंसा, लूट, अग्निकांड और बलात्कार को अंजाम दिया जा हैं। टीएमसी के हमलों से अपनी जान-माल और इज्जत बचाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने असम के धुबरी में शरण ली है। इसके बारे में असम के मंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने खुद जानकारी दी है।
उन्होंने मंगलवार को 4 मईको ट्वीट किया,”एक दुखद घटनाक्रम में 300-400 बंगाल के बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों ने अत्याचार और हिंसा का सामना करने के बाद असम में धुबरी पार किया है। हम उन्हें आश्रय और भोजन दे रहे हैं।” उन्होंने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि दीदी को लोकतंत्र को बदरूप होने से बचाना चाहिए। बंगाल बेहतर का हकदार है।
सोमवार को सरमा ने कहा था कि असम में लगातार दूसरी बार बीजेपी के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद किसी भी कांग्रेस कार्यकर्ता पर हमले तो भूल जाइए, उनका मजाक भी नहीं उड़ाया गया। उन्होंने ट्वीट किया था कि लेकिन बहुत दूर नहीं, बंगाल में ही दीदी के दादाओं ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्याएं कर आतंक का राज कायम कर दिया है। क्या ‘उदारवादी’ यह फर्क देख सकते हैं ?