हाथरस कांड पर चित्रा त्रिपाठी..

#हाथरस पर ही #अदमगोंडवी की कविता पढ़ लीजिए आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को मैं चमारों की गली तक ले चलूँगा आपको डूबती सूरज की किरनें खेलती थीं रेत से घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से आ रही थी वह चली खोई हुई जज्बात में क्या पता उसको कि कोई भेड़िया है घात में

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