सभी फेरी वालों को ऋण सहायता में भेदभाव दुखद-सिन्हा

 सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने बताया कि पिछले दिनों कोरबा जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित के सीईओ ने बैंक परिवर्तित अंत्योदय स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के ठेले, खोमचे , फेरीवाले व इसी तरह के अन्य छोटे व्यवसायियों को चिन्हित कर ऋण देने की घोषणा की है।

सिन्हा ने आगे बताया कि कोरबा जिला अंत्यावसाई सहकारी समिति मर्यादित के सीईओ ने बताया कि जिले में फैली कोरोना महामारी को देखते हुए सब्जी, फल, विक्रेता एवं अन्य खासकर ठेले, खोमचे, फेरी वाले, सड़क किनारे सामान बेचने वाले, रिक्शा चला कर गुजारा करने वाले, टेलर, छोटे होटल , पान ठेला, मोची दुकान, मोटरसाइकिल मरम्मत, साइकिल मरम्मत आदि लघु व्यवसायियों को कोविड-19 में आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए शासन की ओर से 20000 तक ऋण देने का प्रावधान किया गया है जिसमें 10000 तक अनुदान राशि दी जाएगी।

सिन्हा ने कोविड-19 महामारी में लघु व्यवसाय फल-सब्जी विक्रेता सहित अन्य फेरी करने वाले लघु व्यवसायी जिनकी हालात लॉकडाउन में दयनीय हो गई है , उन्हें शासन की ओर से ऋण देकर आर्थिक स्थिति में सुधार करना स्वागतेय है , लेकिन महामारी सभी वर्गों के लिए है न कि अनुसूचित जनजाति के लिए इसलिए शासन को चाहिए सामान्य रूप से सभी वर्गों को जो फेरी के कार्य में संलग्न है उन्हें भी 20000 ऋण देकर सरकार भेदभाव से बचे ।