सफाई कामगारों के लिए कानून कड़े करने संसद में पेश होगा विधेयक.. !

मौजूदा वक्‍त में सीवर एवं सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई के लिए किसी कामगार को किसी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा काम पर लगाना दंडनीय है। यही नहीं इसके लिए पांच साल तक की कैद या पांच लाख रुपए का जुर्माना या दोनों ही सजा एक साथ दिए जाने का प्रावधान है।

सरकार हाथ से मैला उठाने को प्रतिबंधित करने वाले कानून को और अधिक सख्‍त बनाने जा रही है। जानकारी के अनुसार सरकार की योजना सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र में एक विधेयक लाने की है। हाथ से मैला उठाने के नियोजन का निषेध (संशोधन) विधेयक 2020 यह प्रस्ताव भी करता है कि सीवर की सफाई को पूर्ण रूप से मशीन से किया जाना सुनिश्चित किया जाए और कार्यस्थल पर बेहतर सुरक्षा एवं दुर्घटना के किसी मामले में मुआवजा उपलब्ध कराया जाए।

 

वैसे मौजूदा वक्‍त में सीवर एवं सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई के लिए किसी कामगार को किसी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा काम पर लगाना दंडनीय है। यही नहीं इसके लिए पांच साल तक की कैद या पांच लाख रुपए का जुर्माना या दोनों ही सजा एक साथ दिए जाने का प्रावधान है। जानकारी के अनुसार नए विधेयक में हाथ से मैला उठाने को प्रतिबंधित करने वाले कानून को कैद की सजा और जुर्माने की रकम बढ़ा कर और सख्‍त बनाने का प्रावधान किया जाएगा।

 

यह विधेयक उन 23 विधेयकों में शामिल है जिन्‍हें इस सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाना है। माना जा रहा है कि देश में सीवरों की सफाई के दौरान होने वाली मौतों के बढ़ते मामलों को देखकर यह कदम उठाया गया है। यह विधेयक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत आता है। इसका उद्देश्‍य सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक साफ-सफाई का उन्मूलन करना है। सरकार की योजना सीवेज प्रणाली के आधुनिकीकरण के साथ ही गैर सीवर लाइनों को इसके दायरे में लाना है।