परख सक्सेना : PM मोदी.. उसी तर्ज पर आज उनका पोस्टमार्टम भी बनता है…

यदि अमेरिकी टेरीफ विदेश नीति की विफलता है तो चीन का भारत के समर्थन मे आना तो विदेश नीति की ऑल टाईम सबसे बड़ी सक्सेस है।

वैसे आज डोनाल्ड ट्रम्प टेरीफ लगा रहे है कल को हटा ले तो आशा है इसे विदेश नीति की सफलता ही कहा जाएगा तब कोई दोगलापन नहीं होना चाहिए।

Veerchhattisgarh

हालांकि जो लोग परिपक्व है वे जानते है कि विदेश नीति का इन सभी से कोई लेना देना नहीं है। हर देश की अपनी नीति होती है, अमेरिका को पाकिस्तान की जरूरत यदि ईरान पर हमला करने के लिये है तो भारत कोई भी प्रस्ताव रख दे वो पाकिस्तान का ही साथ देगा।

 

वैसे चलिए कोंग्रेसियो के वर्तमान एजेंडे के आधार पर इन्ही के पूर्व नेताओं के समर्पण देखते है। निजी सहमति नहीं है लेकिन कांग्रेसी जिस तरह बात बात पर मोदीजी के पीछे पड़ते है उसी तर्ज पर आज उनका पोस्टमार्टम भी बनता है।

नेहरूजी 1961 मे अमेरिका गए, बिन बुलाये मेहमान की तरह गए थे और जॉन एफ कैनिडी ने खुद अपने शब्दों मे कहा था कि मेरा समय बर्बाद हो गया।

ध्यान दीजिये कैनीडी के शब्द है किसी प्रवक्ता के नहीं, खुद श्रीमती केनीडी नेहरूजी के साथ आयी इंदिरा गाँधी पर तंज कस रही थी। आप सोचिये ऐसा मोदीजी के साथ होता तो ये कांग्रेसी क्या करते?

अब आते है शास्त्री जी पर जिनका भाजपाई भी सम्मान करते है मगर एक बात है कि जो दिखता है सो बिकता है। मोदीजी के लिये ट्रम्प ने खुद कुर्सी खिसकाई थी, इसकी वजह है कि मोदीजी का अच्छे कपडे पहनना और अच्छा दिखना भी एक व्यक्तित्व का हिस्सा है।

वही शास्त्री जी के केस मे उन्होंने देश का गरीब चेहरा दिखाया, एक तरफ हट्टा कट्टा और टिप टॉप अयूब खान दूसरी तरफ पुराने कुर्ते पजामे मे हमारे शास्त्री जी। आखिर लिंडन बी जोनसन जैसे लिबरल व्यक्ति ने भी पाकिस्तान का ही साथ दिया।

इंदिरा गाँधी तो अमेरिकी नीति को लेकर पूरी तरह फिसड्डी रही, चमचे कहते है कि अमेरिका के राष्ट्रपति को जवाब देकर आयी थी। जवाब नहीं बांग्लादेश मे हो रहे अत्याचार का उत्तरदायी मात्र कहा था। इसके अलावा इंदिरा गाँधी का अपनी तरफ से कोई शब्द नहीं है।

यदि सपने मे जवाब दिया भी था तो अमेरिका ने अपना सातवा जंगी बेड़ा भारत के विरुद्ध कैसे भेज दिया? अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मे पाकिस्तान का खुल्ला समर्थन देना कैसे जारि रखा, आखिर आयरन लेडी से कहाँ चूक हो गयी।

राजीव गाँधी तो बकायदा सुपर कंप्यूटर के लिये गिड़गिड़ा रहे थे और रोनाल्ड रीगन ने मना कर दिया था। तब हमारे वैज्ञानिको ने “परम” बनाया। लेकिन विदेश नीति वो तो फेल रही…. कांग्रेसी कहाँ स्वदेशी को अच्छा मानते है।

तो ऐसा है कि कुतर्क तो हमारे पास आपके एक पर तीन रखे है, अब राहुल गाँधी नई खोज लेकर आया है। चुनाव आयोग पर ही प्रश्न उठा रहा है सबूत मांग रहे है तो टालमटोल कर रहे है।

मतलब सबूत कुछ नहीं ना ही कोई संवैधानिक कार्रवाई बस आउल बाबा ने बोला तो जनता सड़को पर उतर जाए। किसी चेले ने बता दिया होगा कि सर आपकी हवा बन गयी है, आपके इशारे पर अब गृहयुद्ध हो जाएगा।

पाड़े ने आव देखा ना ताव, अब होगा ये कि ये भाई साहब अपने कार्यकर्ताओ को दंगे फसाद करने के लिये कहेगा और आप पुलिस तथा सेना के हाथों कोंग्रे डीयो की सड़क पर धुलाई देखोगे क्योंकि जनता इसमें भाग नहीं लेगी, सतही सच्चाई हमें पता है।

वायुसेना प्रमुख के बयान के बाद अब इन्हे तीन सेटबैक और मिलेंगे, पहला चीन की भारत से निकटता, दूसरा ट्रम्प टेरीफ हटायेगा और तीसरा सड़को पर धुलाई होंगी। अच्छा है ये मनोरंजन कभी देखा भी नहीं।

✍️परख सक्सेना
https://t.me/aryabhumi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *