पवन सक्सेना : जीम में महिलाएं.. पारिवारिक कलह का कड़वा सच..!
10 वर्ष पहले का उल्लेख है ! एक दंपत्ति हैं….दोनो ही सुदर्शनीय हैं… पुरुष सरकारी नौकरी में उच्च पद पर हैं… पत्नी उच्चशिक्षित हैं,मगर ग्रहणी हैं… दो बच्चे बीटेक और MBBS जैसे कोर्सों में अध्ययनरत थे… पति की पोस्टिंग दूसरे शहर में थी, घर में नौकरों की कमीं नहीं थी… न्यूक्लियस परिवार था,अर्थात दादी-दादी,रिश्तेदारों की छाया से कोसों दूर…
बहरहाल पत्नी समय काटने, थोड़ा फिट-फाट और एक्टिव रहने के लिए नज़दीकी जिम जाने लगीं… जहां इंस्ट्रक्टर महिला और पुरुष दोनों ही थे ! पहले सुबह एक बार जाती थीं,फिर फिटनैस का ऐसा जुनून चढ़ा कि सुबह शाम दोनो वक्त जाने लगीं… दोनो वक्त अलग अलग एक्सरसाइज होने लगी ! क्वालिटी टाइम…. जिम में व्यतीत होने लगा… पति जब शुक्रवार रात घर लौटते… तब भी पत्नी शनि और रविवार को अपनी जिम वाली दिनचर्या जारी रखतीं…
टूटन शुरू हुई,कलह ने घर मे डेरा डाल लिया…. आरोप-प्रत्यारोप और infidelity के आरोपों की शुरुआत हुई…
एक खबर कि पत्नी एक जिम इंस्ट्रक्टर के साथ अमुक स्थान पर देखी गईं के बाद…. एक दिन पति महोदय ने जिम पर छापा मार दिया… एक मुस्टंडा श्रीमतीजी को एक्सरसाइज़ करा रहा था … महिला इंस्ट्रक्टर लापता थीं… चूंकि जिम ज्वाइन करते समय यह तय हुआ था कि लेडीज़ जिम सेक्शन अलग है और महिला इंस्ट्रक्टर सिखाएंगी ! कहासुनी शुरू हुई… श्रीमती जी ने पति को सबके सामने ‘दकियानूसी और शक्की’ ठहराया… पति महोदय ने फतवा दिया कि उनकी पत्नी अब जिम नहीं आएगी जिसे वहीं सबके सामने पत्नी ने खारिज (अस्वीकार) कर दिया!
पति महोदय पिटा हुआ चेहरा लिए हुए…. घर लौटे और पत्नी के घर आने से पहले ही अपने कार्यस्थल की ओर रवाना हो गए…ट्रांसफर due था…पति ने अपने घर की पोस्टिंग नकार दी… अलगाव के अन्यान्य कारण भी हो सकते हैं,मगर जिम जाना और पत्नी का बिना किसी कारण… जिम न छोड़ना….प्रमुख कारण रहा…
विश्वास जानिए यह विवाद उन पति-पत्नी के बीच हुआ जहां पति और पत्नी की आयु क्रमशः 45 और 50 वर्ष है ! मुझे आज तक समझ नहीं आया कि किसी भी वय की युवती, स्त्री या पुरुष (जो खेलों,वेटलिफ्टिंग में अपना करियर न बना रहा/रही हो) को फिटनेस के लिए जिम की क्या आवश्यकता है ? मिडिल क्लास हिंदुओं के आम घर मे कम से कम दो नौकर नौकरानियां तो होते ही हैं… घर का काम नौकर करें…बच्चे नौकरानियां पालें और कैलोरी बर्न करने जिम जाया जाये, क्यों ?
लेख में अनेक प्रश्न हैं, जिन्हें संबोधित करने की आवश्यकता है….
साभार- पवन सक्सेना जी।
