देवेंद्र सिकरवार : ऑपरेशन सिंदूर.. भारत ने बताया कि मॉडर्न वॉरफेयर क्या होता है और त्वरित गति से युद्ध कैसे जीता जाता है…
मॉडर्न वॉरफेयर
अब जबकि ऑपरेशन सिंदूर पर दुनियाँ भर के विशेषज्ञों की राय आ रही है कि भारत ने अद्भुत रणनीति से अपने सारे लक्ष्य पूरे किये तब भी एक बात खटकने वाली है।
सैन्य कॉलेज में पढ़ाने वाले एक अमेरिकी विशेषज्ञ का तो यहाँ तक कहना है कि भारत ने बताया कि मॉडर्न वॉरफेयर क्या होता है और त्वरित गति से युद्ध कैसे जीता जाता है।
लेकिन विशेषज्ञ न होने के बावजूद मुझे यह कहने में हिचक नहीं है कि भारतीय युद्ध तंत्र मॉडर्न वॉरफेयर के प्रचार अभियान अर्थात प्रॉपेगेंडा विभाग में पकिस्तान से पीछे रहा।
भले ही सेना की कोई रणनीति रही हो, चाहे वह राफेल की कंपनी दस्सो पर दवाब बनाने के लिए हो ( क्योंकि सोर्स कोड न देने के कारण भारतीय सेना नाराज थी।) या फिर लक्ष्य जैसे रिमोट वाहनों को राफेल के डमी बनाकर भेजने की रणनीति का खुलासा न करने की इच्छा हो , या फिर कोई अन्य कारण हो, लेकिन पाकिस्तान के राफेल गिराने के दावे का त्वरित व स्पष्ट खंडन न करके न केवल वैश्विक रूप से भारतीय पक्ष को मीडिया व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैक फुट पर धकेल दिया गया बल्कि पाकिस्तान को मनोवैज्ञानिक रूप से ‘एडवांटेज’ दे दिया गया और भारत के अंदर राहुल गांधी को गिराये गये राफेल की संख्या पूछने के दुस्साहस करने का मौका भी दे दिया।
भारत के इलेक्ट्रोनिक मीडिया चैनल इस जिम्मेदारी का उचित निर्वहन करने में असफल रहे क्योंकि वह अविश्वसनीय प्रकार की खबरें दे रहे थे जैसे कि सेना लाहौर, कराची में घुस गई है, इस्लामाबाद में कमाँडो घुस गये इत्यादि, जिनसे उनकी विश्वसनीयता संदिग्ध हो गई।
उनका एक मात्र शानदार मूव था, पाक जनरल मुनीर के बंकर में छुपने का समाचार देना, पाकी नेताओं के विदेश भागने की खबरें और मुनीर की गिरफ्तारी की अफवाह उड़ाना जिससे वाकई पाकिस्तान में दहशत फैली भी।
लेकिन ओवरऑल इलेक्ट्रोनिक व मीडिया असफल रही और सोशल मीडिया जो इलेक्ट्रोनिक मीडिया व सेना बुलेटिन पर आश्रित थी, वह भी भ्रमित हुई जबकि पकिस्तान हमारे क्षेत्र में गिरे फ्यूल टैंक को दिखाकर अपने प्रॉपगेंडा को विश्वसनीयता का झूठा नकाब पहना सका।
अगर भारत इस मोर्चे पर भी बढ़त बना लेता तो पाकिस्तान की सेना में जनता का विश्वास टूट जाता और जनता बगावत पर उतर जाती क्योंकि जिस तरह भारत में सिविल सेवा भारत की एकता का प्रशासनिक आधार है उसी तरह पाकिस्तान में सेना पाकिस्तान की राजनैतिक एकता का आधार है।
सैन्य दृष्टि से अब ऑपरेशन सिंदूर बाजीराव के पालखेद के घेरे, लोंगेवाला की लड़ाई की तरह विश्व के सैन्य पाठ्यक्रमों का अभिन्न भाग बन चुका है लेकिन मॉडर्न वॉरफेयर के दूसरे मोर्चे अर्थात ‘प्रॉपेगेंडा मशीनरी’ में अभी भी बहुत कार्य करने की जरूरत है।
सेना को आपतकाल में ऐसे एक प्रॉपगेंडा विभाग का गठन करना चाहिए जिसमें युद्धकाल में गहरी निगरानी में मीडिया व सोशल मीडिया के चुने परखे हुये इन्फेल्यूएन्सर्सको समायोजित कर यह मोर्चा भी फतह कर सके।
