भारतीय रेल : नई लाइनों, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के लिए बजट आवंटन में लगभग 6 गुना वृद्धि

भारतीय रेलवे ने 2014-24 में 31,180 किलोमीटर नई लाइनें, दोहरीकरण और गेज परिवर्तन का काम पूरा किया, जो 2009-14 की तुलना में दोगुनी से अधिक गति है

रेलवे परियोजनाओं का सर्वेक्षण/स्वीकृति/निष्पादन क्षेत्रीय रेलवे-वार किया जाता है, न कि राज्य/जिला-वार/क्षेत्रवार, क्योंकि रेलवे परियोजनाएं राज्य की सीमाओं के पार हो सकती हैं।

01.04.2024 तक, पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित भारतीय रेलवे में, लगभग 7.44 लाख करोड़ रुपये लागत वाली कुल 44,488 किलोमीटर लंबाई की 488 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं (187 नई लाइन, 40 गेज परिवर्तन और 261 दोहरीकरण) योजना/अनुमोदन/निर्माण चरण में हैं, जिनमें से मार्च, 2024 तक 12,045 किलोमीटर लंबाई चालू हो गई है और लगभग 2.92 लाख करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है।

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भारतीय रेलवे में नई लाइन, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण परियोजनाओं के लिए औसत वार्षिक बजट आवंटन नीचे दिया गया है:

अवधि औसत परिव्यय 2009-14 के औसत आवंटन की तुलना में वृद्धि
2009-14 11,527 करोड़/वर्ष
2024-25 68,634 करोड़ लगभग 6 गुना

भारतीय रेलवे में नई लाइन, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण के कार्य का विवरण नीचे दिया गया है:-

अवधि कुल स्थापित लंबाई औसत स्थापित लंबाई 2009-14 के औसत आवंटन की तुलना में वृद्धि
2009-14 7,599 किमी 4.2 किमी/दिन
2014-24 31,180 किमी 8.54 किमी/ दिन लगभग दोगुना

वर्ष 2023-24 में भारतीय रेलवे में 5,309 किलोमीटर लंबे सेक्शन चालू किए जा चुके हैं।

लागत, व्यय और परिव्यय सहित सभी रेलवे परियोजनाओं का क्षेत्रवार/वर्षवार विवरण भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान यानि वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2023-24 तक भारतीय रेलवे में लगभग 2.65 लाख करोड़ रुपये की लागत की कुल 23,352 किलोमीटर लंबाई की 297 परियोजनाएं (नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण) पूरी की गई हैं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं भारतीय रेलवे के पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) क्षेत्र द्वारा कवर की जाती हैं।

01.04.2024 तक, कुल 1,368 किमी लंबी और 74,972 करोड़ रुपये लागत वाली 18 परियोजनाएं (13 नई लाइनें और 5 दोहरीकरण), जो पूरी तरह/आंशिक रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में आती हैं, योजना/अनुमोदन/निर्माण चरण में हैं, जिनमें से मार्च 2024 तक 313 किमी लंबी परियोजनाएं चालू हो गई है और 40,549 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूरी तरह/आंशिक रूप से आने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सुरक्षा कार्यों के लिए औसत बजट आवंटन निम्नानुसार है:

वर्ष 2023-24 में भारतीय रेलवे में 5,309 किलोमीटर लंबे सेक्शन चालू किए जा चुके हैं।

लागत, व्यय और परिव्यय सहित सभी रेलवे परियोजनाओं का क्षेत्रवार/वर्षवार विवरण भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया गया है।

पिछले 10 वर्षों के दौरान यानि वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2023-24 तक भारतीय रेलवे में लगभग 2.65 लाख करोड़ रुपये की लागत की कुल 23,352 किलोमीटर लंबाई की 297 परियोजनाएं (नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण) पूरी की गई हैं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं भारतीय रेलवे के पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) क्षेत्र द्वारा कवर की जाती हैं।

01.04.2024 तक, कुल 1,368 किमी लंबी और 74,972 करोड़ रुपये लागत वाली 18 परियोजनाएं (13 नई लाइनें और 5 दोहरीकरण), जो पूरी तरह/आंशिक रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में आती हैं, योजना/अनुमोदन/निर्माण चरण में हैं, जिनमें से मार्च 2024 तक 313 किमी लंबी परियोजनाएं चालू हो गई है और 40,549 करोड़ रुपये का व्यय हो चुका है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूरी तरह/आंशिक रूप से आने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सुरक्षा कार्यों के लिए औसत बजट आवंटन निम्नानुसार है:

 

अवधि औसत परिव्यय 2009-14 के औसत आवंटन की तुलना में वृद्धि
2009-14 2,122 करोड़/वर्ष
2024-25 10,376 करोड़ लगभग 5 गुना

इसके अलावा, 2009-14 और 2014-24 के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाले खंडों (नई लाइनें, आमान परिवर्तन और दोहरीकरण) की स्थापना का विवरण निम्नलिखित है:

अवधि कुल स्थापित लंबाई औसत स्थापित लंबाई 2009-14 के औसत आवंटन की तुलना में वृद्धि
2009-14 333 किमी 66.6 किमी/वर्ष
2014-24 1,728 किमी 172.8 किमी/वर्ष लगभग 2.6 गुना

वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान, पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुल 110 किमी का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।

किसी भी रेलवे परियोजना का पूरा होना राज्य सरकार द्वारा त्वरित भूमि अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वन मंजूरी, लागत साझाकरण परियोजनाओं में राज्य सरकार द्वारा लागत हिस्सेदारी का जमा करना, परियोजनाओं की प्राथमिकता, इकाइयों का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी, क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थितियां, परियोजना स्थल के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति, जलवायु परिस्थितियों के कारण विशेष परियोजना स्थल के लिए एक वर्ष में कार्य महीनों की संख्या आदि विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।

असम के दरांग जिले से गुजरने वाली अगथोरी-डेकारगांव (155 किलोमीटर) नई रेल लाइन के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे को मंजूरी दे दी गई है।

यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

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