ध्रुव कुमार : “मास्क मैनिफेस्टो”_ उद्देश्य समाज और राष्ट्र में अराजकता से सत्ता पाना..इसीलिए एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप का जमकर समर्थन कर रहे हैं
नस्लों को बर्बाद करते उत्तर-आधुनिकतावादी..
आपने ध्यान दिया होगा कि आजकल ट्रांसजेंडर और LGBTQ लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में ही कुछ समय पहले ट्रांसजेंडर्स का आंदोलन हुआ था। अमेरिका में तो यह संख्या महामारी बन गई है।
तो क्या आजकल प्रकृति ने अचानक ट्रांसजेंडर्स को ज्यादा पैदा आरंभ कर दिया है? क्या पहले ट्रांसजेंडर्स कम पैदा होते थे।
ऐसा नही है पहले भी ट्रांसजेंडर पैदा होते थे और आज भी उतने ही होते हैं लेकिन आज जो ट्रांसजेंडर्स के नाम पर समाज में अराजकता फैलाने का काम हो रहा है यह सारा “उत्तर आधुनिकतावाद, नववामपंथ, वोक कल्चर के नाम पर हो रहा है।”
वामपंथियों का मुख्य उद्देश्य होता है समाज में अव्यवस्था और अराजकता पैदा करना और इसके लिए वो ऐसे हथकंडे अपनाते हैं जिन्हें आम आदमी तो छोड़िए पढ़ा लिखा आदमी भी समझ नही पाता है।
और इसके लिए उत्तर आधुनिकतावादी, नववामपंथी जिस तरह आधुनिक विज्ञान के सिद्धांतों का प्रयोग करते हैं उतना हम सोच भी नही सकते हैं। और उस तरह की सोच विकसित करने में दक्षिणपंथियों व राष्ट्रवादियों को अभी वर्षों लग जाएंगे।
पहली बात तो मैं यह स्प्ष्टकर दूं कि मैं ट्रांसजेंडर्स का पूरा सम्मान करता हूँ बल्कि वे हमारी संस्कृति में पूजनीय है अतः उन्हें वे सारे अधिकार है जो दूसरे लोगों को प्राप्त है।
लेकिन नववामपंथी इसमें खेल करते हैं। जैसे विज्ञान के अनुसार कई शोधों से यह साबित हुआ है कि “प्रकृति में जब तीन हजार बच्चे पैदा होते हैं तो उसमें एक बच्चे के बारे में यह संभावना होती है कि वह ट्रांसजेंडर्स हो जाए, इसके अलावा तीन सौ बच्चों में एक बच्चे में यह संभावना होती है उसके ‘जीन’ और DNA में कुछ ऐसे म्युटेशन हो जाए कि वह नॉर्मल व्यक्ति न रहे।
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ ऐसी लड़कियां थीं जो बाहर से देखने में पूरी तरह नॉर्मल थीं लेकिन उन्हें या तो पीरियड आते नही थे या अचानक पीरियड आना बंद हो गए। अथवा वे अंदर से पूरी तरह पुरुषों की तरह महसूस करती थीं।
ऐसे केस सामान्यता तीन हजार में एक मिले। कई बारऐसे मामले सही उपचार और थेरपी से सही हो गए लेकिन कई बार DNA में म्युटेशन इतना ज्यादा हो गया कि बदलाव होना असंभव था।
यह तो हो गई वैज्ञानिक बात अर्थात प्रकृति ट्रांसजेंडर्स पैदा करती है DNA में बदलाव होता है लेकिन यह घटना 3000 में एक बार ही सही होती है।
लेकिन अब नववामपंथी और उत्तर आधुनिकतावादी क्या करते हैं वो विज्ञान के इस शुद्ध प्राकृतिक सिद्धान्त को उठाते हैं और उसे तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करते हैं। जैसे ये लोग कहते हैं कि ”किसी भी बच्चे का लिंग जन्म से तय नही होता है बल्कि उसका लिंग समाज और परिवार तय करता है। अतः प्रत्येक बच्चे को अपना लिंग तय करने की आजादी है । वह यह स्वयं तय करे कि वह लड़की की तरह फील करता है अथवा लड़के की तरह। और अगर उसे लगता है कि उसका लिंग सही नही है तो वह अपना लिंग सर्जरी और दवाओं से चेंज करें तभी वास्तविक स्वतंत्रता है।” अमेरिका के स्कूलों में तो यह खुलेआम पढ़ाया जा रहा है इसके चलते लाखों बच्चों का जीवन तबाह हो गया कई बच्चे लिंग परिवर्तन के बाद मर गए।
आपने सुना होगा कुछ समय पहले एलन मस्क ने कहा था कि “मैं वोकिज्म को खत्म कर दूंगा” क्योंकि उनके बेटे को भी इन्ही नववामपंथियों ने लिंग परिवर्तन करवाकर मार डाला था।
विवेक रामास्वामी जो पहले रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति के उम्मीदवार थे लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप के लिए प्रचार कर रहे हैं। वो नववामपंथियों और वोक लोगों के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं क्योंकि ये अमेरिका को बर्बाद कर रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी भी इन उत्तर आधुनिकतावादी लोगों के खिलाफ अब बोल रही है इसीलिए एलन मस्क डोनाल्ड ट्रंप का जमकर समर्थन कर रहे हैं।
वामपंथियों और उत्तर आधुनिकतावादियों का उद्देश्य दरसअल परिवार, समाज और राष्ट्र में अराजकता पैदा करके सत्ता हथियाना है और इसी के लिए ये यह सब करते हैं।
और ऐसा नही है कि यह नववामपंथ, वोकिज्म और उत्तर आधुनिकतावाद केवल अमेरिका की समस्या है यह हमारे देश में भी लगातार बढ़ रही महामारी है।
पवन विजय भैय्या की पुस्तक “मास्क मैनिफेस्टो” इन्ही नववामपंथियों, वोकिज्म, क्रिटिकल रेस थ्योरी और उत्तर आधुनिकतावाद के अत्यंत गूढ़ बातों, सिद्धांतों और षड्यंतत्रों के बारे में बताती है।
यह किसी किताब का प्रचारभर नही है यदि आप अपनी आने वाली पीढ़ी को इन राक्षसों के षड्यंत्रों से सावधान करना चाहते हैं तो इस किताब को न सिर्फ स्वयं पढ़िए बल्कि अपने बच्चों को भी पढ़ने के लिए दीजिए। और आगे वे न पढे तो कुछ रुपये देकर उनसे पढवाईए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
भैय्या से मेरी बात हुई थीं कि आगे एक किताब वोकिज्म, महिलाओं और इसी जेंडर के मुद्दे पर लिखिए पूरे वैज्ञानिक शोधों के अनुसार ताकि लोग उस समस्या से लड़ने के लिए तैयार हो सके जो जल्द ही हमारे परिवारों को तोड़ने का प्रयास करेगी।
भैय्या का प्रयास भागीरथी वाला है और अभी तक यह पुस्तक ट्रेंड कर रही है । अतः इस पुस्तक को जरूर पढ़ें खासकर अपने बच्चों के साथ।।
भैय्या को हार्दिक शुभकामनाएं।।