कौशल सिखौला : अन्यथा कल न कहना कि बीजेपी वाले राज्य सब लूटकर ले गए ?

आश्चर्य की बात है कि दोनों राज्य विशेष पैकेज लेकर खुश हैं लेकिन विपक्षी गठबंधन दुःखी । जिन्होंने जीवनभर बिहार को आर्थिक पैकेज देने की मांग ठुकराई , पैकेज मिलते ही उन्होंने कोहराम मचा दिया है । खैर , यह तो रोज रोज की कहानी है । असली बात यह है कि विघ्न को आगे बढ़ाते हुए अधिकांश विपक्षी दलों ने 27 को होने वाली नीति आयोग की बैठक के बहिष्कार की घोषणा की है । इनमें कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी और डीएमके शामिल हैं।

Veerchhattisgarh

विपक्ष का आरोप है कि बजट में आंध्र और बिहार के अलावा और किसी को कुछ नहीं दिया गया । सब जानते हैं कि बजट सरकार घोषित करती है और उसका वितरण नीति आयोग की बैठक में राज्यों की मांग के अनुरूप किया जाता है । लेकिन आयोग की बैठक में विपक्षी मुख्यमंत्री आएंगे नहीं , अपनी डिमांड बताएंगे नहीं , सदन के भीतर और बाहर चिल्लाएंगे कि उन्हें उनके राज्य के हिस्से का धन प्राप्त नहीं हुआ । यह हर बार की चकल्लस हो गई है।

वैसे सच बताएं तो राजनीति इतनी जिल्लत भरा फीचर बन चुकी है कि लिखते हुए बोरियत होने लगी है । अब तो शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक टीवी मीडिया में जितनी बहस आती हैं वे सभी और भी मायूस करती हैं । हर बहस में एक भाजपाई , एक कांग्रेसी , एक सपाई , एक आप और एक राजेडी प्रवक्ता लाज़मी होगा । तो क्या देखें उस बेहद फूहड़ बहसबाजी को ?

क्या चर्चा सुनें और क्या ग्रहण करें । ले देकर हर शाम की एक कहानी । तू तू मैं मैं तू तू मैं मैं । कुछ भी ऐसा नहीं जो सच हो , जो जहन में बसे । ऐसी एक भी लाइन नहीं , जिसके सहारे बात आगे बढ़े या कुछ कहने अथवा समझने की प्रेरणा मिले । यही वजह है कि समाज के एक बड़े वर्ग ने बहसबाजी देखनी छोड़ दी है । चैनल बेशक नहीं ऊबे , जनता बुरी तरह ऊब गई है । निःसंदेह समाज की ओर से आई इस खीज को समझने का समय आ गया है।

तो सरकार बन भी गई , बजट आ भी गया , बहस के बाद पारित भी हो जाएगा । आप कहते हैं कि हम नीति आयोग की बैठक में नहीं जाएंगे तो मत जाइए । पहले ही कौनसे गए ? राज्यों को उनका नियमित हिस्सा तो कुछ बढ़ाकर बगैर जाए भी मिल जाएगा । लेकिन पीएम की मौजूदगी में बैठक में जाने का जो लाभ होता , वह नहीं होगा । बैठक में बीजेपी शासित 20 राज्य जाएंगे विपक्ष की अनुपस्थिति का पूरा लाभ उठाएंगे । अभी भी समय है , विपक्ष बैठक में भाग लेने का फैसला कर ले । अन्यथा कल न कहना कि बीजेपी वाले राज्य सब लूटकर ले गए ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *