सुधांशु त्रिवेदी निपट रहे अपने ही IT CELL से.. बद्रीनाथ में हार के बाद भी ऐसे जीती भाजपा
इकोसिस्टम से लड़ने की बात करने वाली भाजपा पहले अपने इको सिस्टम को ही सही कर ले। 12 जुलाई को सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा प्रवक्ता) द्वारा संविधान की हत्या को लेकर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था और उसे प्रेस वार्ता में अविश्वसनीय रूप से ऐसे तथ्यों को सामने रखा गया जो आमजन की जानकारी से बाहर है।
भाजपा के आईटी सेल के द्वारा 12 जुलाई को अपने वेब पेज पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल सहित अन्य लोगों की प्रेस वार्ता का हिंदी रूपांतरण टेक्स्ट में डाला गया था लेकिन सुधांशु त्रिवेदी की उस महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता का हिंदी रूपांतरण टेक्स्ट रूप में नहीं डाला गया।
उल्लेखनीय है कि देश भर के समाचार पत्रों के अधिकांशतः भाजपा सहित अन्य दलों या संस्थाओं के आधिकारिक पेज पर जाकर सीधे कॉपी पेस्ट करके समाचारों का प्रकाशन किया जाता है, जो सीधे सीधे आमजनों तक पहुंचता है।
किन कारणों से इस महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता के वीडियो का शब्दश: टेक्स्ट रूपांतरण करके अपने वेब पोर्टल भाजपा के वेब पोर्टल पर नहीं डाला गया, यह तो भाजपा के आधिकारिक वेव पेज को ऑपरेट करने वाले ही जाने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विगत दिनों संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा था कि देश की प्रगति को रोकने के लिए कांग्रेस ने एक इकोसिस्टम बना लिया था, जिसे अब उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा।
अब यहां तो स्थिति यह है कि भाजपा के सबसे प्रखर प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के अति महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को ही प्रसारित करने में भाजपा का इको सिस्टम कमजोर सिद्ध हो रहा है तो दूसरों को दोष देने से क्या होगा?
उचित यही होगा कि भाजपा अपने आईटी सेल में कसावट लाये।
अयोध्या के बाद बद्रीनाथ में हार.. हार कर भी ऐसे जीती भाजपा
विपक्ष का ecosystem लगातार यह भ्रम फैलाने में लगा रहा है कि अयोध्या के बाद बद्रीनाथ में भी भाजपा की हार हुई है लेकिन भाजपा के IT CELL को इस बात का उत्तर देते नहीं बन रहा है कि उत्तराखंड के मंगलौर और बद्रीनाथ में सम्पन्न हुए उपचुनाव से पूर्व उन सीटों पर कांग्रेस और बसपा के बीच ही टक्कर होती रही है और भाजपा तीसरे स्थान पर आती रही थी लेकिन इस चुनाव में भाजपा कड़ी टक्कर देते हुए दूसरे स्थान पर आई है और मात्र 449 वोटों से कांग्रेस जीती…इस प्रकार से कहा जा सकता है कि भाजपा हार कर भी जीत गई है।
उचित तो यही होगा कि दूसरे के इकोसिस्टम को दोष देने की बजाय अपने इकोसिस्टम को भाजपा मजबूत करें।