कोई कोरोना-फोरोना का डर नही अगर रोज चबा लें नीम के पत्ते..
चैत्र माह में नीम के पेड़ में नई पत्तियां निकलती हैं। आयुर्वेद में कहा गया है, जो चैत्र माह में नीम की पत्तियों का सेवन करेगा। वो सालभर सैकड़ो बीमारियों से दूर रहेगा। कुछ लोग नीम के पत्तों को कच्चा ही चबातें हैं। वहीं, कुछ लोग पत्तों को पानी में उबाल कर नमक के साथ खाते हैं। पत्तों में विभिन्न जीवाणुरोधी रसायन होते हैं। बता दें की नीम के पत्तों को भारत से बाहर 34 देशों में निर्यात किया जाता है। अमेरिका में नीम को चमत्कारी वृक्ष कहा जाता है।
नीम शरीर के लिए अतिगुणकारी है। नीम को भारत में गांव का दवाखाना कहा जाता है। नीम का प्रयोग आयुर्वेद में पिछले चार हजार सालों से किया जा रहा है। नीम के तने, पत्ती, जड़, छाल और कच्चे फलों में अनेकों शक्ति वर्धक रासायन पाए जाते हैं। नीम खासतौर पर मलेरिया,मधुमेह और त्वचा संबधी बीमारी के लिए बहुत उपयोगी है।
नीम स्वाद में उतना ही तीखा हो सकता है जितना कि यह स्वभाव से है, लेकिन कोई भी दवा आज तक इसके फायदों का मुकाबला नहीं कर पाई है। अब देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या नीम का पत्ता कोरोना वायरस को खत्म कर सकता है।
खबरों के अनुसार,अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ने घोषणा की है कि वे परीक्षण करने जा रहे हैं कि नीम महामारी कोरोना से लड़ने में आखिरकार कैसे प्रभावी है। यह पता लगाने के लिए, AIIA ने निस्र्ग हर्ब्स नामक कंपनी के साथ करार किया है। यह भी तय किया गया है कि हरियाणा के फरीदाबाद में ईएसआईसी अस्पताल में मानव परीक्षण किया जाएगा।