विनय कुमार : और आखिरकार रूस ने इसे युद्ध क्षेत्र में उतार ही दिया
और आखिरकार रूस ने एस500 प्रोमोतोई डिफेंस सिस्टम, अमेरिकी और यूरोपीय यूनियन के हवाई हमलों को बेकार करने के लिए युद्धक्षेत्र में उतार ही दिया।
रूसी सेना की ओर से हाल ही में छठवीं पीढ़ी का एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एस500 की तैनाती की घोषणा की गयी है। रूसी एयर डिफेंस अमेरिकी एफ22 रैप्टर और एफ35 लड़ाकू विमानों के लिए नया खतरा है क्योंकि नई रूसी एस500 वायुरक्षा मिसाइल प्रणाली एफ35 और एफ22 रैप्टर जैसे स्टील्थ लड़ाकू विमानों को रोकने में सक्षम होगी। रूसी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट का कहना है कि एस500 की तैनाती काफी लंबे परीक्षण के बाद की गई है। रूस ने एस500 को इसके पूर्ववर्ती एस400 से उन्नत डिफेंस सिस्टम तैयार किया है। इसकी तैनाती यूक्रेन के खिलाफ महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान पर की गई है। रूस ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में उसके एस400 एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान उठाना पड़ा है।
एस500 सिस्टम हाइपरसोनिक मिसाइलों, विमानों और यहां तक कि कम कक्षा में स्थित उपग्रहों को भी तबाह कर सकता है, ये रूस की रक्षात्मक स्थिति को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। रूस ने क्रीमिया में इस एयर डिफेंस सिस्टम की पोस्टिंग की है, जो एक रणनीतिक महत्व रखती है। यहाँ का कारीडोर रूसी सैन्य साजोसामान और रसद के लिए एक महत्वपूर्ण रास्ता है। यूक्रेन और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के साथ बढ़ते तनाव के बीच एस500 की उपस्थिति रूसी वायुरक्षा शक्ति के संतुलन में बड़ा बदलाव दिखाती है। ये अत्याधुनिक अमेरिकी लड़ाकू जेटों से जुड़ी हवाई गतिविधियों को भी रोक सकता है।
पिछले दिनों पोलैंड के राष्ट्रपति डूडा ने रूस को धमकाते हुये कहा था कि, रूसी राष्ट्रपति अपने सैनिकों की सामूहिक मौत चाहते हैं, लिहाजा हम उनकी इस इच्छा को जरूर पूरा करेंगे। डूडा ने पोलैंड में अमेरिकी नाभिकीय हथियारों की तैनाती की बात कही थी, जिसे मॉस्को ने बहुत गम्भीरता से लिया है।
देखना दिलचस्प होगा कि, अमेरिका और रूस के नये और उन्नत हथियारों की प्रयोगशाला बन चुका यूक्रेन का क्या हाल होगा। क्या अमेरिकी और पश्चिमी देशों के हथियारों की आपूर्ति से वह अपने को बचा पायेगा, या यूरोप के नक्शे से यूक्रेन का अस्तित्व मिटकर रूसी परिसंघ में समाहित हो जायेगा। देखेंगे हम लोग।
