“कांग्रेस को वोट देकर वोट बर्बाद न करें” -पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ऐसा क्यों कहा..?
पत्रकारिता से अपने कैरियर की शुरुआत करने के बाद दो बार सांसद रह चुके महाराष्ट्र की राजनीति में कांग्रेस के प्रभावशाली नेतृत्व के रूप में अपनी धाक जमाने वाले संजय निरुपम कांग्रेस को लेकर किए गए बयान से सुर्खियों में हैं।
पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने लोगों से अपील की है कि वे कांग्रेस पार्टी को चुनकर अपना वोट बर्बाद न करें और इसके बजाय सत्तारूढ़ भाजपा और उसके सहयोगियों के साथ जाएं। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग के दौरान अपील करते हुए उन्होंने कहा था कि ‘मैं मतदाताओं से अपील करना चाहूंगा कि वे भाजपा और उसके सहयोगियों को वोट दें, और कांग्रेस को वोट देकर वोट बर्बाद न करें।” निरुपम ने कहा था कि ‘कांग्रेस पार्टी मुंबई में एक हेरिटेज इमारत की तरह है, जो अब रहने लायक नहीं है। पुराने और थके हुए नेता उस इमारत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे देश की स्थिति नहीं बदल सकते।
उल्लेखनीय है कि श्री निरुपम को कुछ दिनों पूर्व ‘पार्टी विरोधी’ बयानों के लिए कांग्रेस से निकाल कर दिया गया था जबकि उन्होंने दावा किया था कि उन्होंने पहले ही “इस्तीफा दे दिया है।”
संजय निरुपम ने कहा था कि अब उनका धैर्य खत्म हो गया है। उनका कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है। वैचारिक मोर्चे पर भी कांग्रेस खुद को धर्मनिरपेक्ष कहती है। महात्मा गांधी सर्वधर्म समभाव में विश्वास करते थे। सभी विचारधाराओं की एक समय सीमा होती है। धर्म को नकारने वाली नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता ख़त्म हो गई है। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि कांग्रेस इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि उद्योगपति भी बड़े गर्व के साथ मंदिरों में जाते हैं। वैचारिक और संगठनात्मक रूप से कांग्रेस पार्टी अव्यवस्था की स्थिति में है। कांग्रेस का वास्तविकता से संपर्क टूट गया है।