नमो भारत : भाग-04.. तालाब के शौच का पानी बहु-बेटियां अब घर नहीं लाती.. हर घर नलजल.. 70 करोड़ लोगों को मिल रहा “नल से शुद्ध जल”
2014 के पहले तालाब के जिस गंदे पानी में लोग शौच,स्नान करते थे व जानवरों को भी उसमें धोते थे और उसी तालाब का गंदा पानी गांव की बहु-बेटियां घर पीने के लिए लाती थी। इस गंदे पानी को पीने से होने वाली बीमारियों में आय का 40% अपव्यय हो जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को लेकर एक क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए नल जल मिशन योजना की शुरुआत की।
कांग्रेस 1947 के बाद से इस दिशा में काम करना तो दूर सोच भी नहीं पाई थी।
जलशक्ति मंत्रालय का गठन
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की विकराल समस्याओं से लगातार जूझ रहे बहु-बेटियों की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए साल 2019 में जल शक्ति मंत्रालय का भी गठन कर दिया। यह जल एवं स्वच्छता के विषय पर पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता और गंभीरता को दर्शाता है।
इस दुर्दशा को से मुक्ति दिलाने के लिए पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। पीएम मोदी जो घोषणा करते हैं वह कार्यरूप में धरातल पर भी आकार लेता दिखाई देता है और यही कारण है कि 72.71% प्रतिशत से अधिक जनसंख्या तक सीधे पानी पहुंच चुका है। एक परिवार में औसतन 5 लोग होते हैं और आंकड़ों के हिसाब से 54 करोड़ से अधिक लोगों तक यानी 70 करोड़ लोगों को यह लाभ मिल चुका है।
जल जीवन मिशन: 14 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पहुंच रहा ‘नल से शुद्ध जल’
2 लाख से अधिक गांव और 161 जिलों में अब ‘हर घर जल’ है।
पानी जीवन का मूल है। बिना पानी मानव सभ्यता का अस्तित्व संभव नहीं है। आज के युग में संसाधनों की असमानता के चलते हर व्यक्ति तक साफ पानी की पहुंच नहीं है। भारत भी इस समस्या से अछूता नहीं है, लेकिन भारत सरकार ने अपने सभी नागरिकों तक पानी की पहुंच सुनिश्चित करने की ठानी है। सरकार ने कहा है कि 2024 तक भारत के हर घर में नल से जल पहुंच चुका होगा। इसी क्रम में केवल चार वर्षों में नल कनेक्शन कवरेज को 14 करोड़ से अधिक घरो तक कनेक्शन पहुंचा दिया गया है। इस मुहिम की वजह से आज महिलाओं और युवा लड़कियों को रोजाना पानी लाने के कठिन काम से मुक्ति मिल रही है। इस बचाए गए समय का अब आय-सृजन गतिविधियों, कौशल विकास और बच्चों की शिक्षा में सहायता के लिए उपयोग किया जा रहा है।
लगभग 14 करोड़ घरों में नल से पानी
देश के लगभग 14 करोड़ (72.71%) परिवारों के घरों में नल के पानी की आपूर्ति होने की सूचना है। इसमें आज तक 6 राज्यों-गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, गुजरात, पंजाब और हिमाचल प्रदेश तथा तीन केंद्र शासित प्रदेशों पुदुचेरी, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने शत-प्रतिशत कवरेज हासिल कर ली है। वहीं मिजोरम 98.68 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश 98.48 प्रतिशत और बिहार 96.42 प्रतिशत कवरेज के साथ निकट भविष्य में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के मार्ग पर हैं।
161 जिलों में अब ‘हर घर जल’
इस बदलाव का मुख्य कारण केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों के साथ-साथ विकास भागीदारों की सक्रिय भागीदारी में समाहित हैं। प्रत्येक क्षण नल जल कनेक्शन की स्थापना का गवाह बन रहा है, जिससे ग्रामीण परिदृश्य में आमूल-चूल बदलाव आ रहा है। 2 लाख से अधिक गांव और 161 जिलों में अब ‘हर घर जल’ है।
क्या है जल जीवन मिशन
बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पानी जैसी समस्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे कई ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है और लोगों को कई मील दूर पैदल चल कर पानी लाना पड़ता है। ऐसे ही क्षेत्रों में पीने के पानी को लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने इस मिशन का शुभारम्भ किया ताकि देश के लोगों, खासकर महिलाओं और बालिकाओं के जीवन-स्तर में सुधार आए। जल जीवन मिशन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 15 अगस्त 2019 को की गई।
इस मिशन के तहत, जिन इलाकों में पानी नहीं है, वहां हर घर में पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। इस मिशन को सरकार ने हर घर जल योजना का नाम भी दिया है। स्कीम का लाभ लेने के लिए उन लाभार्थियों को पात्र माना जाएगा, जिनके घर में पानी का कनेक्शन नहीं है।
घर के अलावा स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी कनेक्शन
योजना की खास बात ये है कि घरेलू पानी के कनेक्शन के अलावा इस मिशन ने देश भर में 9.24 लाख (90.65 प्रतिशत) स्कूलों और 9.57 लाख (86.63 प्रतिशत) आंगनबाड़ी केंद्रों में नल के जल की आपूर्ति सुनिश्चित की है। 112 आकांक्षी जिलों में, नल के पानी की पहुंच जो मिशन की शुरुआत के समय 21.41 लाख (7.86 प्रतिशत) घरों तक थी आज बढ़कर आज 1.96 करोड़ (72.08 प्रतिशत) घरों तक हो गई है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि ग्रामीण विकास में एक आदर्श बदलाव का प्रतीक है, जो पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, समुदायों को सशक्त बनाने और सतत प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए मिशन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
जल जीवन मिशन का उद्देश्य
★इस स्कीम का लाभ ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को प्रदान किया जाएगा।
★ जल जीवन मिशन स्कीम के लिए सरकार ने 3.60 लाख करोड़ का बजट देने का प्रावधान दिया जाएगा।
> स्कीम के माध्यम से 6 करोड़ घरों में पानी पहुँचाया जाएगा।
> घरों में पहुंचाया जाने वाले जल का प्रयोग लोग पीने के लिए भी कर सकते हैं।
> इस मिशन के माध्यम से जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
मिशन का आरंभ
पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी, तब केवल 3.23 करोड़ (17%) ग्रामीण परिवारों के घरों में नल से जलापूर्ति की सुविधा थी। भारत सरकार ने 2024 तक शेष परिवारों को नल का जल की सुविधा प्रदान करने का संकल्प लिया है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता है। आज देश के नौ करोड़ ग्रामीण घरों को नल से साफ पानी की आपूर्ति का लाभ मिल रहा है। पीएम मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के साथ इस मिशन की शुरुआत हुई थी, मिशन की शुरुआत के समय देश में केवल 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवार ही नल के पानी से जुड़े हुए थे और अब यह 72.71% प्रतिशत से अधिक तक पहुंच चुका है। जल जीवन मिशन (JJM) ने 14 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराकर एक नई मिसाल कायम की है। इसके अलावा यह मिशन माताओं और बहनों को घरेलू इस्तेमाल के लिए पानी लाने के सदियों पुराने कठिन परिश्रम से मुक्ति दिलाने और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रयासरत है।
जल शक्ति मंत्रालय का किया गठन
केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए साल 2019 में जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया। यह जल एवं स्वच्छता के मुद्दे पर पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता और गंभीरता को दर्शाता है।