सर्वेश तिवारी श्रीमुख : मोदी इस कालखंड में सभ्यता के सौभाग्य हैं.. क्योंकि…
मैं अब मानने लगा हूँ कि समय ने इस व्यक्ति को भारत की राजनीति को पूरी तरह से बदल देने के लिए भेजा है। भविष्य जब आधुनिक भारत का इतिहास लिखेगा तो मोदी काल विभाजन के बिंदु होंगे। लोकतांत्रिक भारत का इतिहास दो भागों में बंटेगा। भारत मोदी के पहले, और भारत मोदी के बाद…
मोदी संसार के सबसे प्रभावशाली ब्रांड एम्बेसडर हैं। उनके विरोधी भी मानते हैं कि संसार मे उतने फॉलोवर किसी राजनेता के पास नहीं। वे जिधर चल पड़ें, उधर ही मुख्य रास्ता हो जाता है। ऐसा व्यक्ति यदि हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति का निशुल्क प्रचारक है, तो कम से कम मेरे लिए इससे बड़ी बात कोई और नहीं हो सकती। मोदी इस कालखंड में सभ्यता के सौभाग्य हैं।
मैं भविष्य की छोड़ देता हूँ, पर लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में मोदी से बड़ा धर्मनिष्ठ शासक नहीं हुआ। लोकतांत्रिक बाधाओं से राह निकाल कर वे बार बार सिद्ध करते हैं कि धर्म उनकी प्राथमिकता है। धार्मिक और सांस्कृतिक उत्थान भी सरकार के लक्ष्य में है। उनकी विजय भारत में भारतीय संस्कृति की विजय है।
पिछली सरकारों ने विकास का जो मॉडल बनाया था, उसमें धर्म के लिए कोई स्थान नहीं था। मोदी का विकास मॉडल धर्मकेन्द्रित है। उसमें तीर्थ है, मन्दिर है, परंपराएं हैं, मूल्य हैं… भारत जैसे धर्म सापेक्ष देश के लिए विकास का यही मॉडल होना चाहिये।
कुछ लोगों को मोदी जी के भव्य पहनावे से जलन होती है। मुझे लगता है उनका पहनावा भव्य होना ही चाहिये। वे किसी संस्कृतिविहीन राष्ट्र के प्रतिनिधि नहीं हैं, वे संसार की सबसे भव्य संस्कृति के प्रतिनिधि हैं। भव्यता उन पर सोभती है।
मोदी कहते हैं, यह अमृतकाल है। यह सचमुच अमृतकाल है। हमारा प्रधान वोट कट जाने के भय से अपनी धार्मिकता नहीं छुपाता। यह पहली बार हो रहा है।
मोदीजी के विरोधी कहते रहे हैं कि वे धर्म को राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं। वे दरअसल भरम में जी रहे हैं। बात अब उससे बहुत आगे निकल गयी है। आज की राजनीति में धर्म अब कोई मुद्दा भर नहीं रह गया, राजनीति अब पूरी तरह धर्म का आश्रय ले चुकी है। अब धर्म से दूर हो कर कोई राजनीति कर ही नहीं सकता। राजनीति में अब अधर्म के लिए अधिक स्थान नहीं…
हाथ में त्रिशूल उठाये भारत के प्रधान जो सन्देश दे रहे हैं, वह बिल्कुल स्पष्ट है। इसे सभी समझ भी रहे हैं। उनके समर्थक भी, उनके विरोधी भी। अब कोई समझ कर भी समझना न चाहे तो उसे क्या ही कहें..
कुछ लोग हैं, जिन्हें लगता है कि मोदी को रोका जा सकता है। मासूम हैं वे लोग! वे नहीं जानते, ताश के इस खेल में जोकर से बादशाह नहीं कटता!
सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।