समर प्रताप : मोदी जी और भारतीय जनता का रिश्ता एकदम भारतीय अरेंज मैरिज जैसा
इस समय मोदी जी और भारतीय जनता का रिश्ता एकदम भारतीय अरेंज मैरिज जैसा चल रहा है।
शादी से पहले के हजारो सपने जैसे इंसान बीवी के लिये देखता है ये होगा वो होगा ये कर देगी वो कर देगी टाइप या ऐसे करेगा ऐसे रखेगा टाइप।
पहला टर्म तो बस अरेंज मैरिज के हनीमून परियर्डस के जैसे निकल गया।
कोई गलती भी होती तो नई है लेकिन है तो अपनी ही।
फिर दूसरा टर्म शुरू हुआ तो वैसे ही जैसे 3 या चार साल के बाद बीवी और हसबैंड में चलता है,
एक दूसरे की गलतियां दिखती है,लड़ना भी है और साथ भी रहना है,
एक दूसरे को मनाना भी है।
घर पर लड़ लेंगे लेकिन दूसरे को नही बोलने देंगे।एक दूसरे की कमियां पता है लेकिन है तो एक दूसरे के ही ।
काम तो यही आएगी या आएगा टाइप।
और अब तीसरे टर्म के लिये भारतीय जनता अरेंज्ड मैरिज के 2 बच्चे के पिता के जैसे हो रखी है।
एकदम निर्दयी,बस अपने काम पर ध्यान ,बच्चो के लिये सोचना है पत्नी की मजबूरी जाए भाड़ में उससे हमे क्या मतलब।
किसी को पेंशन चाहिए,किसी को MSP किसी को और ज्यादा टेक्स में छूट।
जैसे हसबैंड को सब कुछ पत्नी से ही चाहिये,बच्चो का ख्याल भी रखे,रोने भी न दे,पढ़ाई में भी कमजोर न हो ।
और पत्नी जब ये सब करे तो पति डिस्टर्ब भी न हो ।
इस टर्म में रिश्ते जनता और मोदी के ऐसे है बिल्कुल 2 बच्चो के पिता और उनकी मां के जैसे,
प्यार कम है लेकिन बच्चो और परिवार के लिये दोनो अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे है।
एक दूसरे की कमी जानते है लेकिन पता है दुसरो को बीच मे घुसाने से परिवार ही टूटेगा।
जैसी भी है मेरी पत्नी है,काम तो यही आएगी।
ज्यादा बाहर खाऊंगा तो लिवर खराब हो जाएगा।
इसलिए कमी निकालेगा लेकिन घर की लौकी ही खा लेगा।
क्योकि पता है बाहर वाले तो पनीर के नाम पर बैंगन ही खिलाएंगे बाद में।
इसलिए तीसरे टर्म के लिये भारतीय जनता 100 नाराजगी के बाद भी मोदी जी से रिश्ता वैसे ही निभाएगी जैसे,
घर और बच्चो के लिये पति पत्नी, कमी बेसी लड़ते झगड़ते अपने परिवार को जोड़ के बैठे है।
कभी मुँह सूजा लेते है तो कभी प्यार कर लेते है लेकिन रहंगे साथ।
