62 लाख रेहड़ी पटरी वाले लाभार्थियों को 11,000 करोड़ रुपये की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को संबोधित किया और इस योजना के तहत दिल्ली के 5,000 रेहड़ी पटरी वालों सहित 1 लाख रेहड़ी पटरी वालों को ऋण वितरित किए। उन्होंने पांच लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि ऋण के चेक सौंपे। प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो के चरण 4 के दो अतिरिक्त गलियारों (कॉरिडोर) की आधारशिला भी रखी।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 100 शहरों से इस आयोजन से जुड़े लाखों रेहड़ी पटरी वालों के प्रति आभार प्रकट किया। महामारी के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने रोजमर्रा की जिंदगी में उनके महत्व को रेखांकित किया। महामारी के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा दिखाई गई क्षमताओं को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने रोजमर्रा के जीवन में उनके महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पैसा पूरे देश में 1 लाख रेहड़ी पटरी वालों के खाते में सीधे हस्तांतरित किया गया है। साथ ही, उन्होंने दिल्ली मेट्रो के दो अतिरिक्त कॉरिडोर: लाजपत नगर-साकेत-जी ब्लॉक और इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ का भी आज शुभारंभ किया।

प्रधानमंत्री ने देश के उन लाखों रेहड़ी पटरी वालों की सराहना की जो अपनी मेहनत और स्वाभिमान के साथ अपने परिवार की जरूरतों का ख्याल रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भले ही उनके ठेले और दुकानें छोटी हों, लेकिन उनके सपने बहुत बड़े हैं। उन्होंने कहा कि अतीत की सरकारों ने रेहड़ी पटरी वालों के कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिस कारण उन्हें तिरस्कार और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने देखा कि उनकी पैसे से जुड़ी जरूरतें ऊंचे ब्याज वाले ऋणों से पूरी होती थीं, जबकि समय पर भुगतान न कर पाने के कारण और अधिक अपमानित होना पड़ता था और उन पर ब्याज का बोझ भी बढ़ जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बैंकों तक कोई पहुंच नहीं हुआ करती थी, क्योंकि उनके पास कोई ऋण गारंटी नहीं होती थी। ऐसे मामलों में, कोई बैंक खाता न होने और व्यावसायिक रिकॉर्ड के अभाव के कारण बैंक ऋण प्राप्त करना असंभव हो गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछली सरकारों ने रेहड़ी पटरी वालों की जरूरतों पर न तो ध्यान दिया और न ही उनकी समस्याओं से निपटने के लिए कोई प्रयास किया।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आपका ये सेवक गरीबी से ही बाहर निकला है। मैं गरीबी में जीया हूं। इसीलिए जिनकी किसी ने परवाह नहीं की, उनकी न केवल चिंता की गई बल्कि मोदी ने उनकी पूजा की है।” उन्होंने कहा कि जिनके पास जमानत के तौर पर गारंटी देने के लिए कुछ नहीं था, उन्हें मोदी की गारंटी का आश्वासन दिया गया है। उन्होंने रेहड़ी पटरी वालों की ईमानदारी की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों को उनके रिकॉर्ड और डिजिटल लेनदेन के उपयोग के आधार पर 10, 20 और 50 हजार का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 62 लाख लाभार्थियों को 11,000 करोड़ रुपये की मदद मिल चुकी है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि इनमें से आधे से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं।

कोविड महामारी के दौरान पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने एक हालिया अध्ययन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उस अध्ययन में रेहड़ी पटरी वालों की आय कई गुना बढ़ने की बात कही गई है और इसके साथ ही, खरीदारी के डिजिटल रिकॉर्ड से भी उन्हें बैंक से लाभ उठाने में मदद मिल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल लेनदेन पर हर साल 1200 रुपये के कैशबैक को भुनाया जा सकता है।

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