नोटबंदी में काला धन सफ़ेद करने वालों को धीरे से लगेगा अब जोर का फ़टका 

केंद्र सरकार ने जब भी कोई बड़ा निर्णय लिया है तो उसकी गूंज समूचे विश्व में सुनाई पड़ती है। ऐसे ही निर्णय जब नोटबंदी का लिया गया था, तब मंच पर नोटो की माला पहनने वाले विपक्षी दलों, कलाबाज, सफेदपोशों की तो पेंट भी एक झटके से उतर गई थी।
8 नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार ने काला धन पर ब्रेक लगाने और आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर बैन लगा दिया था।लोगों को मोदी सरकार ने मौका भी दिया था कि वो तय समय सीमा के भीतर बंद हुए नोटों को अपने बैंकों में जमा कर सकें या उसे एक्सचेंज कर सकें।

कई सफेदपोशों ने इस मध्य अपना काला धन भी जमा किया था, अब उसका पता लगाने के लिए RBI ने सभी बैंकों को CCTV फुटेज सुरक्षित रखने को कहा है। CCTV के फुटेज देख कर अब अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ जांच एजेंसियां साक्ष्य जुटाकर कारवाई करेगी।

काला धन सफ़ेद करने वाले लोगों ने नोटबंदी के 5 बरसों तक यह सोचा होगा कि सब ठीक हो चुका है और भ्रष्ट लोग यह सोचकर चैन की बांसुरी बजा रहे होंगे कि उनके सिर से खतरा टल गया है। परंतु मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों से 4 कदम आगे चलकर सोचती है, RBI के निर्देश जारी करने से साफ हो गया है कि सरकार ने कुछ और ही सोच रखा है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से कहा है कि 8 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक अपनी शाखाओं और करेंसी चेस्ट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक सुरक्षित रखें, ताकि प्रवर्तन एजेंसियों को नोटबंदी के दौरान अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिल सके।

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