विदेश मंत्री एस. जयशंकर की दो टूक- आजादी के बाद हम पर हमले हुए तब कहां थे दुनिया के सिद्धांत.. रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत के पक्ष पर जवाब

जयशंकर ने जबाब देते हुए कहा, “आजादी के ठीक बाद भारत पर हमले हुए हमारे बार्डर को कई बार बदला गया लेकिन तब कोई भी उसूलों या सिद्धांतों का हवाला देते हुए हमारे साथ नहीं आया। आज भी भारत के कुछ हिस्सों पर दूसरे देशों ने कब्जा कर रखा है, लेकिन इस मुद्दे पर किसी को सिद्धांत नहीं दिखते और वे भारत का साथ देने की भी बात नहीं करते हैं।

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर जापान के दौरे पर हैं। इस दौरान एक जापानी पत्रकार ने विदेश मंत्री से पूछा आप संप्रभुता के सम्मान की बात करते हैं। लेकिन भारत ने कभी भी यूक्रेन पर रूस के हमले की आलोचना नहीं की। क्या यह दोहरा रवैया नहीं है? इस पर जयशंकर ने जबाब देते हुए कहा, “आजादी के ठीक बाद भारत पर हमले हुए हमारे बार्डर को कई बार बदला गया लेकिन तब कोई भी उसूलों या सिद्धांतों का हवाला देते हुए हमारे साथ नहीं आया। आज भी भारत के कुछ हिस्सों पर दूसरे देशों ने कब्जा कर रखा है, लेकिन इस मुद्दे पर किसी को सिद्धांत नहीं दिखते और वे भारत का साथ देने की भी बात नहीं करते हैं।

विदेश जयशंकर ने आगे कहा- दुनिया को समझना बेहद मुश्किल है। यहां कई मान्यताएं और सिद्धांत काम करती हैं। वैश्विक राजनीति में अक्सर देश अपनी सुविधा के हिसाब से अपने लिए उसूलों को चुनते हैं। फिर वे बाकी देशों पर उसका पालन करने का दबाव बनाते हैं। विदेशमंत्री एस.जयशंकर बोले- आज जिन मूल्यों की बात हो रही वो 80 साल पहले गायब थे। विदेश मंत्री ने कहा आज भारत को कहा जाता है कि संप्रभुता जैसे मूल्यों की रक्षा होनी चाहिए, लेकिन आज से 80 साल पहले ये मूल्य कहीं नजर नहीं आते थे। इस दौरान जयशंकर ने एक बार फिर UNSC में सुधार की मांग की बात रखी।

उन्होंने कहा- आज ज्यादातर देश मानते हैं कि UNSC में बदलाव होने चाहिए। जब UN की स्थापना हुई थी, तब इसमें करीब 50 देश थे जबकि आज 200 देश संयुंक्त राष्ट के सदस्य हैं। जब किसी संगठन में सदस्यों की संख्या 4 गुना बढ़ जाए तब उसका लीडर और काम करने का तरीका पुराना नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि जो देश UNSC में बदलाव नहीं चाहते हैं, वहीं इसे टालने की कोशिश कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा था- जंग से सबका नुकसान होता है

फरवरी 2024 में रूस-यूक्रेन युद्ध को 2 साल पूरे हो गए। यूक्रेन के 5 बड़े शहरों पर रूस का कब्जा है। दोनों देश समझौते को तैयार नहीं है। यूक्रेन का कहना है कि जब तक रूस उनके राज्यों से कब्जा नहीं हटा लेता है वो हमले जारी रखेंगे। जबकि रूस यूक्रेनी राज्यों से कब्जा नहीं छोड़ना चाहता।

रूसी विदेश मंत्री ने हाल में की थी एस. जयशंकर की तारीफ

कुछ दिन पहले ही रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जयशंकर की तारीफ की थी। रूसी शहर सोच्चि में एक इवेंट के दौरान लावरोव से भारत को तेल बेचने पर एक सवाल पूछा गया था। इस पर रूसी विदेश मंत्री ने कहा- मेरे दोस्त जयशंकर ने इसका बखूबी जवाब दिया था। लावरोव ने UN में जयशंकर के बयान को याद करते हुए कहा था- भारत के विदेश मंत्री से UN में ऐसा ही सवाल किया गया था। तब जयशंकर ने उन्हें अपने काम से मतलब रखने की सलाह दी थी। साथ ही उन्हें याद दिलाया था कि पश्चिमी देश रूसी फेडरेशन से कितना तेल खरीद रहे हैं। भारत के साथ रिश्तों पर बात करते हुए लावरोव ने कहा था- रूस-भारत हमेशा से अच्छे दोस्त रहे हैं। कोल्ड वॉर के दौरान जब पश्चिमी देशों ने भारत को हथियार देने रोक दिए थे, तब मॉस्को ने भारत का साथ दिया था। रूस ने भारत के साथ हाई-टेक मिसाइल ब्रह्मोस का जॉइंट प्रोडक्शन भी शुरू किया।

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