नमो भारत : भाग-03..PM मोदी ने तेलंगाना में हिंदी में भाषण देकर विपक्ष के उत्तर-दक्षिण में भारत तोड़ने के नैरेटिव पर कड़ा प्रहार किया
रोहित वेमुला, राफेल से लेकर कई प्रकार के विषयों पर जब विपक्षी दलों भारतीय जनमानस को सफलता नहीं तो भारत तोड़ने की दिशा में निम्न स्तर पर आकर उत्तर भारत और दक्षिण भारत के नाम पर देश तोड़ने का असफल प्रयास किया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के इस कुचक्र को पहले तो वाराणसी में काशी तमिल संगमम 2023 का उद्घाटन करके किया था।
प्रधानमंत्री ने संगारेड्डी, तेलंगाना में 6,800 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण के दौरान सम्पूर्ण भाषण हिंदी में दिया और बीच में स्थानीय भाषा का उपयोग लोगों को जोड़ने के लिए किया।
हिंदी में दिए गए भाषण के दौरान बीच बीच में गूंजती तालियां, उपस्थित जनसमूह की करतल ध्वनियां विपक्षी दलों के उस नैरेटिव को ध्वस्त कर रही थी जिसमें लोगों को भड़काया जाता है कि वे लोग हिंदी नहीं समझते हैं, वे लोग हिंदी में बात करना पसंद नहीं करते हैं। हर बार बजने वाली तालियों की गूंज विपक्षी दलों के नेताओं के गाल पर थप्पड़ जड़ जाती थी।
काशी तमिल संगम के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने कन्याकुमारी-वाराणसी तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और इस अवसर पर तिरुक्कुरल, मणिमेकलाई और अन्य उत्कृष्ट तमिल साहित्य के बहुभाषा और ब्रेल अनुवाद को भी जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तमिल संगमम का उद्देश्य देश की दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा पीठों, तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को प्रगाढ़ता प्रदान करने का रहा।
प्रधानमंत्री ने कहा था कि अन्य देशों में राष्ट्र को राजनीतिक आधार पर परिभाषित किया गया है जबकि भारत का निर्माण एक राष्ट्र के रूप में आध्यात्मिक मान्यताओं से हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत को आदि शंकराचार्य और रामांजुअम जैसे संतों ने एकीकृत किया है। प्रधानमंत्री ने आदिना संतों की शिव स्थलों की यात्राओं की भूमिका को भी याद किया। श्री मोदी ने कहा कि इन यात्राओं के कारण ही भारत एक राष्ट्र के रूप में शाश्वत और अटल बना हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी के ही कारण यह संभव हो सका है कि तमिलनाडु से बड़ी संख्या में लोग, छात्र और युवा काशी, प्रयाग, अयोध्या और अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा कर रहे हैं।