मनीष शर्मा : …लेकिन मोदी सरकार ने इस सफ़ेद हाथी की नाक में नकेल डाली और

Privatization को लोग बुरा बोलते हैं… लेकिन कुछ अपवादों को छोड़ दें तो अधिकतर मामलों में यह बेहतर ही साबित हुआ है.

OFB ऑर्डनेंस Factory बोर्ड के बारे में तो आपने सुना ही होगा.. दुनिया की सबसे पुरानी ऑर्डनेंस कंपनियों में से एक थी OFB…. Second World War के समय सबसे ज्यादा हथियारों की supply करने वाली कुछ गिनी चुनी कंपनियों में से एक थी.

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लेकिन आजादी के बाद सब सत्यानाश हो गया… सरकारी सुस्ती, काम करने में कोताही, Innovation की कमी और Red Tapism के कारण हालात यह थे कि यह भारतीय फ़ौज की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाती थी…. और जो सामान भी बनाती थी, वह बहुत ही महंगा और घटिया quality का हुआ करता था.

यह एक ऐसा सफ़ेद हाथी था….जिसे हाथ लगाना भी मुश्किल था.. क्यूंकि यूनियन बाजी बहुत थी…. यह लोग pressure बनाने के लिए काम रोक देते थे… जिससे सेना के पास हथियारों और गोला बारूद की कमी हो जाया करती थी.

लेकिन मोदी सरकार ने इस सफ़ेद हाथी की नाक में नकेल डाली… इसे बाँट दिया 7 Private कंपनियों में… Management बदला, काम करने का तरीका बदला.. Private Sector की best practice को अपनाया जाने लगा.

अब हालात यह हैं कि in सात कंपनियों में से एक है Munition India Ltd… जिसने कुछ ही दिनों पहले सऊदी अरब सरकार के साथ agreement किया है…225 मिलियन डॉलर (लगभग 2,000 करोड़) का यह order है सऊदी सेना को गोला बारूद देने का.

बताइये.. जो कंपनी देश की सेना की जरूरत ही पूरा नहीं कर पाती थी… अब ना सिर्फ देश की जरूरत पूरा कर रही है.. बल्कि विदेशों की सेना को भी सामान दे रही है… वो भी अच्छी खासी रकम का.

यह जो Mindset है… यह सिर्फ और सिर्फ Privatization से ही आता है.

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