कौशल सिखौला : 22 जनवरी.. सत्य का दर्शन छद्मवाद का दहन

पिछले करीब एक हजार सालों में 22 जनवरी 2024 ऐसा ऐतिहासिक दिन बनकर आ रहा है जो सनातन और हिन्दुत्व के लिए सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित होगा । यह दिन हिन्दुत्व के इतिहास में सबसे बड़े परिवर्तन दिवस के रूप में जाना जाएगा । एक ऐसा दिन जिसे वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप ने भी लाने का प्रयास किया और राजा पुरु तथा प्रथ्वीराज चौहान ने भी।

अनेक रणबांकुरों ने समय समय पर भारत के स्वाभिमान के लिए अनेक दिन स्थापित किए । लेकिन यकीन मान लीजिए कि न केवल हिन्दुत्व जागरण अपितु हिन्दुत्व की दिशा परिवर्तन का दिन साबित होगी 22 जनवरी । चूंकि यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अयोध्या आगमन का भी दिन है , अतः यह दिन हिन्दुत्व का टर्निंग प्वाइंट साबित होगा । ऐसे दिनों की प्रतीक्षा इतिहास प्रायः किया करता है । तथापि इतिहास को वह दिन मुश्किल से मिलता है , जब वह करवट ले सके।

भारत सरकार से हम मांग करते हैं कि 22 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए । यह दिन त्रेतायुग से जुड़ा है । जुड़ा कलियुग से भी है । जुड़ा तो दासता की मनहूस सदी के खलनायक आक्रांता बाबर और उसके सिपहसालार मीरबाकी से भी । तो 22 जनवरी को तमाम देश टीवी के पर्दे के सामने बैठकर ब्रह्मांड के महानायक भगवान राम की अयोध्या में जुट रहा वैभव अपने नेत्रों से देखना चाहता है । इसके बाद तो अयोध्या जाने का सिलसिला प्रारंभ हो ही जाएगा । भगवान के जन्मदिन रामनवमी की तरह 22 जनवरी को भी अब राम आगमन दिवस के रूप में मनाया जाया करेगा । देख लेना रामनवमी जैसा मेला अब 22 जनवरी को भी लगा करेगा।

हिन्दुत्व का टर्निंग प्वाइंट 22 जनवरी से शुरू हो रहा है । यह दिन विकसित होने के द्वार पर खड़े भारत की प्रगति के द्वार खोलेगा । जो पूछना चाहें कैसे ? तो उनके लिए यह जानना जरूरी है कि अपने आराध्यों के अपमान से क्षुब्ध देश जब आत्मिक रूप से संतुष्ट हो जाए तो समृद्धि के कपाट खुलने लाजमी हैं। भगवान राम के अपमान का विष शताब्दियों से पी रहा देश 22 जनवरी को संतोष का अमृत पीकर और भी द्रुत गति से राष्ट्रोत्थान में जुट जाएगा।

इसीलिए कह रहे हैं मित्रों , 22 जनवरी हिन्दुत्व जागरण का टर्निंग प्वाइंट बनेगी । यह तारीख विश्वेश्वर विश्वनाथ के धाम के शांतिपूर्ण समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी और कृष्ण जन्मभूमि धाम का भी । भगवान राम की कृपा होगी तो जटिल समस्याओं के हल का रास्ता भी निकल ही आएगा । हिन्दुत्व का यह विराट जागरण सुख देने वाला है , किसी का बुरा करने वाला नहीं । सनातन हिन्दुत्व तो सदा से सर्वे भवन्तु सुखिनः और विश्व कुटुंबकम का संदेश देता आया है । अब 22 जनवरी को आ रहा अनोखा और अभूतपूर्व टर्निंग प्वाइंट आमूल परिवर्तन के साथ ला रहा है । आगे सत्य का दर्शन होगा छद्मवाद का दहन हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *