कौशल सिखौला : टनल.. नया शब्द सुनने को मिला रैट माइनिंग..

संकल्प शक्ति की पराकाष्ठा था 400 घंटे चला टनल बचाव अभियान । नया शब्द सुनने को मिला रैट माइनिंग । कम से कम हमने तो पहले कभी नहीं सुना था । हां , सेंधमारी बहुत सुनी । इसे हमारी तरफ पाड़ देकर चोरी करना कहा जाता है । सीधा मतलब दीवार फाड़कर भीतर घुसना और चोरी कर फिर उसी रास्ते से निकल जाना । सेंध लगाना और पाड़ या फाड़ देना एक ही बात है । ये चोरी से जुड़े शब्द हैं।

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रैट माइनिंग के बारे में पहली बार जानकारी मिली । रैट माने चूहा । चूहा जिस तरह बिल खोदता है , रैट माइनर्स ने उसी तरह तमाम बाधाएं हटा डाली । जो काम अमेरिका और देश भर से आई बेशकीमती मशीनें नहीं कर पाई , उसे अवैध घोषित रैट माइनर्स ने कुछ ही घंटों में कर दिखाया । मानो रैट माइनिंग के पेशे ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोप धो डाले । सच कहें तो रैट माइनिंग के पेशेवरों को वैध करने का समय आ गया है । अथक श्रम से जुड़ी मानव की यह विजय गाथा इतिहास के पन्नों में सदा सर्वदा के लिए दर्ज हो गई है।

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सिलक्यारा में सत्रहवें दिन मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया । आपदा के समंदर में मानव जिजीविषा की यह बहुत बड़ी जीत है । भारतवर्ष बहुत विराट देश है , इसमें पहाड़ों , नदियों , मैदानों और रेगिस्तानों का बहुत विशाल संसार है । जाहिर है सड़कों का जाल पहाड़ों पर बिछाया जा रहा है । अब सड़कें होंगी तो सुरंगें भी बनेंगी , बाधाएं भी आएंगी । लेकिन भारत सरकार , उत्तराखंड सरकार और तमाम एजेंसियों ने जिस तरह काम किया , वह अभूतपूर्व है । ऐसा पहली बार देखा गया कि पीएमओ ने किसी अभियान को इस तरह मॉनिटर किया हो । मानवीय शक्ति और ईश्वरीय शक्ति मिलकर क्या क्या कर सकती हैं , सुरंग रेस्क्यू ऑपरेशन ने यह सब साफ साफ बता दिया।

थाईलैंड और दुनिया के कईं देशों में सुरंग दुर्घटनाएं हुई हैं । चूंकि भारत सरकार ने देश की समस्त टनल्स की जांच के आदेश दिए हैं अतः अगले कुछ दिनों में कारण सामने आ जाएंगे । अत्यंत प्रसन्नता और आश्चर्य का विषय है कि 17 दिनों की दिल दिमाग घोंटू कैद के बावजूद सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य अच्छा है , सामान्य है । इसका कारण है उनका मेहनतकश मजदूर होना । यकीनन यह हादसा किसी शहरी साहब या शहरी बाबू के साथ होता तो ऐसी कैद में उनके होश उड़ गए होते।

मेहनत के बाद मिली रोटी आदमी को सुदृढ़ इंसान बनाती है । मुफ्त मुफ़्त का माल हो या रोटी , वफ़ा नहीं देते , न ही आदमी को ताकतवर बनाते हैं । 41 मजदूरों की सकुशल वापसी इतनी बड़ी घटना थी की बीबीसी , सीएनएन , अलजजीरा , ट्रांस एशिया , फ्रांस टीवी आदि ने इसे लाइव दिखाया । विदेशी मीडिया भारत के प्रयासों की भरपूर सराहना कर रहा है । इस दुर्घटना के बाद बचाव कार्यों को इंडियन मीडिया ने 24/7 दिखाया और सोशल मीडिया ने दिन रात । इस त्रासदी से निपटने वाली सभी इकाइयां साधुवाद की अधिकारी हैं।

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