कौशल सिखौला : विश्व की चौथी शक्तिशाली सेना के पायदान से उछालकर पहले पायदान पर.. नफरत के माल से मु…

एक आदमी है जो सारी दुनिया में भारत के लिए ऐसे ऐसे हथियार इकट्ठा करता घूम रहा है कि चीन को बयान देना पड़ा कि वह भारत से वार्ता के आधार पर मसले हल करेगा !
यह आदमी जो कभी अमेरिका से ऐसे सामान बटोर लाता है जो अमेरिका ने आज तक किसी को नहीं बेचे तो कभी रूस से वे घातक हथियार और विमान ले आता है जिनसे दुश्मन बुरी तरह डरते हैं !

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यह आदमी कभी इसराइल से अत्यधिक घातक मारक सामान ले आता है , कभी जर्मनी और कभी ब्रिटेन से !

फ्रांस और जापान तो मानों अपने मित्र भारत के लिए पलक पांवड़े ही बिछाए बैठे हों !
अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए यह आदमी कभी उत्तर जा रहा है तो कभी दक्षिण , कभी पूरब तो कभी पश्चिम !
इस आदमी ने सारी दुनिया को हिंदुस्तान का जबरदस्त फैन बना दिया है !
अरब देश हों , यूरोप या चीन के अलावा चारों महाशक्तियां ; सबको भारत की दोस्ती चाहिए !
देश को ही अपना परिवार मानकर यह आदमी ऐसा सशक्त भारत बनाने में जुटा है जो चीन और पाकिस्तान का मुकाबला एक साथ कर सकता हो!

बड़ा अजीब आदमी है यह । तमाम दुनिया में इसके प्रति दीवानगी है और उसके अपने देश में उसे हटाने की तैयारी चल रही है । जो अब तक दुश्मनी निभा रहे थे , ऐसे राहुल और केजरीवाल अध्यादेश की आड़ लेकर करीब आ गए हैं । एक दूसरे को मिटा देने की कसमें खाने वाले लालू और नीतीश गलबइयां डाले बैठे हैं । ममता बेशक कांग्रेस और वामपंथियों को सिरे से नापसंद करती हैं , लेकिन इस आदमी को परिदृश्य से हटाने की विवशता एक न एक दिन उन्हें भी गले मिला ही देगी । सबका एक ही लक्ष्य यह आदमी है , सब मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचना चाहते हैं जिसके भीतर यह आदमी जाए तो फिर अभिमन्यु की तरह कभी बाहर न आए ?

पर क्या करें । इस लोकतंत्र की बड़ी शक्ति जनता है । जनता जिसका साथ दे सरताज वही बन जाता है । अजीब बात यह है बरसों से एक तरफ इस आदमी को हटाने या फंसाने के लिए जाल बुने जा रहे हैं । न जाने कैसे यह आदमी हर तरह के जाल को काटकर बाहर निकल आता है । भारत जैसे बड़े देश ने पिछले एक हजार साल में आफतों का एक भरा पूरा संसार देखा है । असंख्य लोग आए जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व लुटा दिया । भारतमाता के मान सम्मान स्वाभिमान के लिए लोगों ने घास की रोटियां खाई पर देश नहीं बिकने दिया । देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हमारी सबसे बहादुर सेना ने पीटी शूज पहनकर जंगें लड़ी।

उसी सेना को विश्व की चौथी शक्तिशाली सेना के पायदान से उछालकर पहले पायदान पर पहुंचाने के लिए यह आदमी ऊंची उड़ान भर रहा है । इस आदमी के पंख अभी लंबे समय तक लंबी दूरियां नापें , देश की जनता शायद यही चाहती है । भारत की ही नहीं , दुनियाभर की टूल किट इस आदमी को शिकस्त देने के लिए जुट गई हैं । देश की जनता को कभी मजहब तो कभी जात पात के नाम पर दो दशकों से बांटा जा रहा है । अब नफ़रत का माल जुटा कर मुहब्बत के बाजार खोले जा रहे हैं । देखना है कि बाजार पर बहार आती है अथवा एक बार फिर यह आदमी बड़े करीने से बचते हुए मंजिल पर पहुंच जाता है ?

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