डीपफेक आडियो-वीडियो पर सरकार गंभीर.. मांगे गए सुझाव…

केंद्रीय मंत्री ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से भेंट की। उन्होंने इस विषय पर सोशल मीडिया मंचों से सावधानी बरतने और उचित समाधान निकालने का आह्वान किया।
अपने ग्रुप्स में शेयर कीजिए।
डीपफेक आडियो-वीडियो साइबरप क्राइम की दुनिया में लोगों को ठगने की नई तकनीक बनती जा रही है। डीपफेक पर हाल ही में हुए G20 के वर्चुअल बैठक में भी पीएम मोदी ने उठाया। पीएम ने डीप फेक यानी आधुनिक डिजिटल तकनीक की मदद से भ्रामक ऑडियो-वीडियो सामग्री तैयार किए जाने की गंभीरता पर प्रकाश डाला और कहा कि हम चाहते हैं कि AI लोगों तक पहुंचे और यह समाज के लिए सुरक्षित हो। ऐसे में अब केंद्र सरकार इस तरह के वीडियो को लेकर गंभीर है और इससे निपटने के लिए जल्द ही नया नियम ले कर आएगी।
सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से समाधान निकालने का आह्वान
इस बारे में केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक’ को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी। केंद्रीय मंत्री ने ‘डीपफेक’ के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले में सोशल मीडिया मंचों से सावधानी बरतने और वाजिब समाधान निकालने का आह्वान किया।
डीपफेक आडियो-वीडियो के समाधान पर चर्चा
उसके बाद अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उन्होंने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। इस दौरान डीपफेक मुद्दे का समाधान निकालने को लेकर चर्चा हुई है और इसका समाधान निकालने को कहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में डीपफेक की जांच कैसे हो, इसे वायरल होने से कैसे बचाया जाए, कोई यूजर इसे कैसे रिपोर्ट करे और इस पर तुरंत कार्रवाई कैसे हो सहित डीपफेक के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि डीपफेक एक गंभीर मुद्दा है। इस पर जागरूकता बहुत जरूरी है। डीपफेक पर एक नए विनियमन की जरूरत है। इस पर त्वरित भाव से कार्रवाई शुरू होगी।
गौरतलब हो कि बीते दिनों केंद्रीय मंत्री ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि जो सोशल मीडिया मंच डीपफेक के संबंध में पर्याप्त कदम नहीं उठाएंगे, उन्हें आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षण नहीं मिलेगा। सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अब सोशल मीडिया मंचों को डीपफेक के मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा।
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी डीपफेक के मुद्दे को गंभीर बताते हुए आगाह किया था। उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उनका एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ। उसमें वह गरबा कर रहे थे लेकिन वह वीडियो उनका नहीं था। वह स्कूल के बाद कभी भी गरबा नहीं खेले हैं। इसके अलावा कई अत्रिनेत्रियों के भी डीपफेक वीडियो वायरल हो चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *