मनीष शर्मा : हाथ नहीं हैं…. कोई बात नहीं – पैसा नहीं हैं.. कोई बात नहीं…

– हाथ नहीं हैं…. कोई बात नहीं
– पैसा नहीं हैं… कोई बात नहीं
– दूर दराज के गाँव में रहती हूँ… कोई बात नहीं
– Training नहीं मिलती, कोई बात नहीं
– लोग दया और तिरस्कार से देखते हैं… कोई बात नहीं.
– जीवन में कोई आशा नहीं… कोई बात नहीं

इतनी सारी समस्याओ से घिरे होने के बावजूद भी यह 16 साल की लड़की ऐसा काम कर गई.. कि आज प्रधानमंत्री जी को भी इससे मिल कर गर्व की अनुभूति हो रही है… दिख रहा है उनकी आँखों में.

शीतल देवी… तुम हर भारतीय की प्रेरणा हो… जो दुःखी है, जो जीवन से त्रस्त है, जो अभावों में जी रहा है.. जिसे कोई आशा नहीं दिखती, जिसके पास पैसा नहीं.. जिसके पास दिशा नहीं…..जो हर क्षण तिरस्कार झेलता है.

तुम वो ध्रुव तारा हो, जो हर इंसान को सफलता का रास्ता दिखाता है.. अभावों, समस्याओं, उत्पीड़न, तिरस्कार से लड़ने का माद्दा देता है…… एक 16 वर्ष की लड़की ने इतना कर लिया है, जो हम जैसे करोड़ों सक्षम लोग सपने में भी नहीं सोच सकते.

-मनीष शर्मा

 

 

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