समय पूर्व जन्मे शिशु को गंभीर हालत से बाहर निकाला, माता-पिता हर्षित

* एनकेएच में शिशु रोग विशेषज्ञ ने किया देखभाल व उपचार

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कोरबा। एनकेएच कोरबा में भर्ती कराई गई समय से पूर्व जन्मी बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है। जमनीपाली निवासी नवजात शिशु के माता-पिता और परिजन अब काफी खुश हैं। शिशु का जन्म समय से पूर्व होने के कारण उसकी हालत काफी नाजुक थी। नवजात शिशु को हॉस्पिटल के एनआईसीयू में चिकित्सकों की गहन देखरेख में रखा गया। अथक प्रयास और उपचार से शिशु को नया जीवन मिला।

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एनकेएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र बागरी ने बताया कि नवजात शिशु का जन्म गर्भावस्था के 37 सप्ताह पूर्ण होने से पहले होता है। समय-पूर्व जन्मे शिशुओं के अंग अविकसित होते हैं, जो गर्भाशय के बाहर काम करने के लिए तैयार नहीं होते। इसलिए समय-पूर्व नवजात शिशुओं को सांस लेने और फ़ीडिंग में कठिनाई हो सकती है और उनके दिमाग में खून का रिसाव होने, संक्रमण तथा अन्य समस्याओं की संभावना बनी रहती है। आम तौर पर, समय-पूर्व नवजात शिशुओं का वज़न 5½ पाउंड (2.5 किलोग्राम) से कम होता है, और कुछ का वज़न 1 पाउंड (½ किलोग्राम) भी होता है। अक्सर लक्षण विभिन्न अंगों की अपरिपक्वता पर निर्भर करते हैं।
अत्यधिक समय पूर्व जन्मे नवजात शिशुओं को अस्पताल में लंबे समय तक नवजात गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयु) में तब तक लंबे समय तक ठहरना पड़ता है, जब तक उनके अंग अपने-आप ही काम नहीं करने लगते। समय-पूर्व नवजात शिशु में प्रतिरक्षा प्रणाली भी अविकसित होती है, और एसे शिशुओं को संक्रमण होने की संभावना रहती है। कुछ शिशुओं में एपनिया नाम की बीमारी भी पायी जाती है। यह आमतौर पर 20 सेकंड या उससे अधिक समय के लिए सांस रुकने की स्थिति को कहते हैं। यदि बार-बार आपके शिशु की सांस आना बंद हो रही है, तो हो सकता है कि उसे यह समस्या हो। बतादे कि समय से पूर्व जन्मी बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है उसके माता-पिता सहित परिजन डॉक्टर बागरी व एनकेएच अस्पताल के समस्त परिवार का आभार जताया है।

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