मनीष शर्मा : Hypocrisy.. तो दिल पर क्या गुजरती है उनके..

Hyprocrisy क्या होती है… आइये जानते हैं.

* यह लेख आपको गलत लग सकता है.. चुभ भी सकता है.. लेकिन जो सच है वो है.

Veerchhattisgarh

भारत में क्रिकेट World Cup चल रहा है….. और world cup से कहीं ज्यादा इस बात की चर्चा है.. कि पाकिस्तान की team को welcome क्यों किया? पाकिस्तान की team को अच्छा खाना क्यों खिलाया…. उनके साथ खेल ही क्यों रहे हैं.. उन्हें बुलाया ही क्यों?

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ये World Cup है… कोई bilateral series नहीं है…. आप इसमें किसी एक team को बायकाट नहीं कर सकते.. वो अच्छा नहीं लगता.

क्या ऑस्ट्रेलिया, South Africa, इंग्लैंड की team का स्वागत नहीं हुआ?? सबका हुआ है… सबमे नाच गाना भी हुआ है… है ना hypocrisy?

आप 9 मेहमान बुला रहे हैं… उनमे से 8 को आदर सत्कार देंगे.. और एक को लतिया देंगे… ऐसा करके किसकी image ख़राब होगी??

फिर कुछ लोग कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ नहीं खेलना चाहिए.

सही बात है… लेकिन यह कंडीशन सिर्फ क्रिकेट के लिए ही क्यों??

मैंने तो आज तक नहीं सुना.. कि पाकिस्तान के साथ हॉकी मत खेलों… Javeline में मत खेलों.. Squash में मत खेलों.

अभी पिछले दिनों इन सभी खेलों में भारत ने पाकिस्तान को हराया है… तब तो कोई नहीं बोला.. कि पाकिस्तान के साथ मत खेलो…. है ना Hypocrisy??

पिछले दिनों एक अभियान चलाया गया… भारतीय सेना के कुछ बलिदानी अफसरों के नाम लिख लिख कर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को कोसा गया.

यह बताया गया कि देखो हमारे तो इतने जवान और अफसर मारे गए, और हम क्रिकेट खेल रहे हैं.

अब इस बात पर मैं एक ऐसी बात कह दूंगा.. जो सबको चुभ जाने वाली है.

भारतीय सेना के जवान और अफसर 1947 से ही पाकिस्तान के हाथों मारे जा रहे हैं…यह कोई नई बात नहीं है.. कि साल दो साल पहले शुरू हुई हो.

लेकिन सेना क्या करती है??

हर साल हमारी सेना पाकिस्तान की सेना को. मिठाई खिलाती है.

चाहें नया साल हो, ईद हो, दिवाली हो, पाकिस्तान का इंडिपेंडेंस day हो, या हमारा हो… सब पर. मिठाई बाँटी जाती है.

और तो और चीन को भी बाँटी जाती है.. उस साल भी बाँटी गई थी, जिस साल गलवान की घटना हुई थी.

और यह मिठाई कोई सरकार नहीं भेजती.. यह सेना की स्थानीय टुकड़ी का निर्णय होता है.

मेरा सवाल है कि क्यों दुश्मन देशों को मिठाई खिलाई जाती है?? क्या यह hypocrisy नहीं है??

जो जवान मारे जाते हैं… कभी उनके परिवारों से पूछिए.. जब यह मिठाई बांटने की तस्वीरे वो देखते है..तो दिल पर क्या गुजरती है उनके.

Hypocrisy यही होती है.

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