कारगिल : कम पड़ गया था गोला-बारूद,सीख दे गया “मेक इन इंडिया”

(या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा अथवा विजयश्री प्राप्त कर पृथ्वी का राज्य भोगेगा।)

गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पाँव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था।
* भारत को बेचा 30 साल पुराना गोला बारूद
* 3 साल पुराना सैटेलाइट बेचा
* 36 हजार में एक फ्रेमकरगिल युद्ध से जुड़े सनसनीखेज खुलासे

Veerchhattisgarh

करगिल युद्ध के समय कई देशों ने भारत को पुराने गोला-बारूद की सप्लाई की थी।खबरों के अनुसार एक देश ने सैटेलाइट इमेज देने के बदले मोटी रकम ली, लेकिन उसने जो सैटेलाइज दी थी वो 3 साल पुरानी थी। पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीपी मलिक ने करगिल युद्ध के समय सेना की अगुवाई की थी। उन्हीं के नेतृत्व में सेना ने करगिल से पाकिस्तानी घुसपैठियों का सफाया किया था।

युद्ध के दौरान एक अहम सबक जो भारत ने सीखा वो ये था कि रक्षा के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ और देश को आत्म निर्भर बनाना बहुत जरूरी है। जबतक रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं बनते हैं, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में रहेगी।

पाकिस्तान की सेना ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था। भारत ने कारगिल युद्ध जीता।

26 जुलाई 1999 को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। इस दिन को हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गर्व होना चाहिए। करीब 18 हजार फीट की ऊँचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था वहीं 1300 से ज्यादा घायल हुए थे। युद्ध में 2700 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 250 पाकिस्तानी सैनिक जंग छोड़ के भाग गए।