NRI अमित सिंघल : अडानी-अम्बानी की तरह पढाई-लिखाई, सरकारी नौकरी के सपने को त्यागकर, किशोरावस्था या युवावस्था में दोहन की…

लिथियम खनिज का प्रयोग सेल फ़ोन एवं इलेक्ट्रिक कार की बैटरी बनाने में होता है। इसके अलावा लिथियम का प्रयोग कई अन्य आधुनिक एवं महत्वपूर्ण उद्यमों एवं उत्पाद के लिए होता है। माना जाता है कि अगर सभी पेट्रोल-डीजल कारो को अगले दस वर्षो में इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित कर दिया जाए तो उसके लिए विश्व में पर्याप्त मात्रा में लिथियम उपलब्ध नहीं है।

अभी विश्व में लिथियम का द्वितीय सबसे विशाल भंडार भारत में मिला है।

अब आपके पास तीन अवसर है।

अडानी-अम्बानी की तरह पढाई-लिखाई, सरकारी नौकरी के सपने को त्यागकर, किशोरावस्था या युवावस्था में दोहन की प्रक्रिया सीख ले, कुछ सौ करोड़ पूँजी या लोन की व्यवस्था कर ले, और जब लिथियम दोहन का टेंडर आएगा, तो उसमे भाग लेकर, टेंडर जीतकर कुछ वर्षो में लाखो करोड़ो के स्वामी बन जाए।

ध्यान रहे, शुरुआती वर्षो में लाभ की जगह लोन पर ब्याज देना पड़ सकता है। कारण यह है कि लिथियम दोहन के लिए इक्विपमेंट, मानव संसाधन, लोजिस्टिक्स, मूल पर ब्याज, व्यापार इत्यादि की व्यवस्था में ही कुछ सौ करोड़ रुपये घुस जाएंगे। फिर लाभ मिलना शुरू होगा। फिर आप हज़ारो लोगो को नौकरी पर रख सकते है।

हाँ साथ में महुआ जैसे लोगो से भी निपटने की व्यवस्था करनी होगी क्योकि वह आरोप लगाएंगी कि आपको यह टेंडर प्रधानमंत्री मोदी को वोट देने के कारण मिला है। और आप कुछ वर्षो में लाखो करोड़ो के स्वामी प्रधानमंत्री मोदी के सपोर्ट के कारण बन गए है। प्रूफ के लिए देखिए कि मोदी जी आपकी लिथियम खदान के उद्घाटन में आये थे और आपसे हाथ मिलाया था।

या फिर जब सरकारी टेंडर में यह कॉन्ट्रैक्ट अम्बानी, अडानी, टाटा, बिरला, गोदरेज, बजाज, डालमिया इत्यादि जैसे लोग जीत ले, तो आप उनके द्वारा संचालित लिथियम खदान से सम्बंधित कोई नौकरी या उद्यम शुरू कर सकते है।

या फिर हाय अडानी!, हाय मोदी! के नारे लगाकर पुनः सरकारी नौकरी की खोज में जुट जाए।

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