दंत विशेषज्ञ डॉ. गरिमा चावला बोलीं ”छत्तीसगढ़ में दांतो में बीमारियों का प्रमुख कारण गुड़ाखू और तंबाकू”
कोरबा। रूट कैनाल ट्रीटमेंट के द्वारा संक्रमित दांतों की मरम्मत और उन्हें क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए किया जाता है। रूट कैनाल पद्धति में उपचार प्रक्रिया में नसों और संक्रमित गूदे को दांत की जड़ से हटाकर दांत की जड़ को साफ करके सील कर दिया जाता है। इनोडेंट डेंटल क्लीनिक में जूमैक्स 3200 प्रो डेंटल ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप मशीन सुविधा के संबंध में माइक्रोस्कोप रूट कैनाल विशेषज्ञ डॉ. साहिल चावला एवं बाल दंत चिकित्सक डॉ. गरिमा चावला ने यह बात इनोडेंट डेंटल क्लीनिक, इंदिरा एक्सटेंशन एंड कामर्शियल काम्प्लेक्स टीपी नगर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही।
डॉ. साहिल चावला ने रूट कैनाल ट्रीटमेंट में लगने वाले समय को लेकर बताया कि आरंभिक चरणों में दंत चिकित्सा केवल एक या दो बैठक में पूरी हो सकती है। इस दौरान उपचार का समय 30-40 मिनट तक का हो सकता है लेकिन पेशेंट की असावधानी से संक्रमण हो जाता हैं, तो 4 से 5 सिटिंग उपचार में लग सकते हैं।
जूमैक्स 3200 प्रो डेंटल ऑपरेटिंग माइक्रोस्कोप मशीन के द्वारा दांतो की उपचार किस प्रकार किया जाता है, इसका प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक दंत चिकित्सा उपकरणों के उपयोग से न केवल पेशेंट की परेशानी को हम कम कर देते हैं, उनके समय की बचत भी होती है। डिजिटल तकनीक का उपयोग करके रूट कैनाल उपचार में पेशेंट को 22 इंच TV स्क्रीन पर दांतों की क्षति को वृहद आकार में फोकस करने से दांतों का आकार भी बड़ा और स्पष्ट होता है। इससे हमारे के काम में भी आसानी होती है।
डॉ. गरिमा चावला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दांतो में बीमारियों का प्रमुख कारण गुड़ाखू और तंबाकू है। दांत की सभी किस्म की बीमारियों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के माध्यम से आसानी से दूर किया जा सकता है। जिन लोगों ने अपने प्राकृतिक दांत गंवा दिए हैं। उनके लिए हमारी आधुनिक चिकित्सा पद्धति बेहद उपयोगी है।इसके अलावा टेढ़े मेढ़ दांतों को भी सीधा किया जा सकता है।
