NRI अमित सिंघल : भारत में यह समाचार किस दबाव में दबाया गया…

अमेरिका स्थित एक ग्लोबल कम्युनिकेशन कंपनी, Edelman, ने इस माह ट्रस्ट बैरोमीटर प्रकाशित किया है जो 28 देशो में जनता का सरकार, उद्यम, मीडिया एवं NGO के प्रति विश्वास को मापता है।

स्पष्ट है कि भारत में इस बैरोमीटर के सम्बंध में समाचार को दबा दिया गया है।

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कारण लिखने की भी आवश्यकता नहीं है क्योकि बैरोमीटर बतलाता है कि भारत की जनता का (मोदी) सरकार पर भारी विश्वास है; बैरोमीटर ने इस विश्वास को सौ में 76 पॉइंट आँका है जो एक वर्ष में दो पॉइंट बढ़ गया है।

इसके विपरीत, बैरोमीटर ने पाया कि जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका, इटली की जनता अपनी सरकार पर विश्वास नहीं करती।

इससे भी महत्वपूर्ण समाचार यह है कि भारतीय अपने उद्यमियों पर सरकार से भी अधिक विश्वास (सौ में 80 पॉइंट) करते है। अमेरिका में इस विश्वास को 55 पॉइंट मापा गया जिसे रिपोर्ट ने न्यूट्रल माना।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण फाइंडिंग यह है कि भारतीय समाज में कम ध्रुवीकरण पाया गया। इस श्रेणी में भारत के अलावा चीन, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात को रखा गया है।

सबसे अधिक ध्रुवीकरण अमेरिका एवं स्वीडन (साथ में कुछ अन्य राष्ट्र भी है) में पाया गया है। ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, नेदरलॅंड्स जैसे देश तीव्र ध्रुवीकरण की ओर अग्रसर है।

ध्यान दीजिए – इनमे से अधिकतर देशो का मीडिया भारत को ध्रुवीकरण पर लेक्चर पिलाता रहता है। दूषित एजेंडा के अंतर्गत डॉक्यूमेंटरी बनाता है; भारतीय नेतृत्व को बदनाम करने का प्रयास करता है। लेकिन स्वयं इनके राष्ट्र में तीव्र गति से कट्टरपंथी विचारधारा बढ़ रही है जो समाज को ध्रुवीकरण के संकट की ओर ले जा रहा है।

तभी इस बैरोमीटर को इग्नोर कर दिया गया है।

चूंकि यह प्राइवेट कंपनी है, अतः इसे अपना प्रोडक्ट (बैरोमीटर) क्लायंट्स को बेचकर लाभ कमाना है। अगर बैरोमीटर की विश्वसनीयता नहीं होगी, तो इसके लिए पैसा कौन देगा?

इसके विपरीत भुखमरी इंडेक्स, असमानता इंडेक्स, प्रसन्नता इंडेक्स, डेमोक्रेसी इंडेक्स इत्यादि NGO बनाते है जिनसे ऐसे लोगो से फंडिंग मिलती है जो भारत को हानि पहुँचाना चाहते है। कुछ NGO मत परिवर्तन वाले समूह से भी जुड़े हुए है। इन NGO को अपना प्रोडक्ट बेचने की चिंता नहीं करनी होती; अतः कुछ भी लिख देते है। अंत में, नेतृत्व पर विश्वास बनाए रखिए।इस सप्ताह रिलीज़ होने वाला प्रोडक्ट मत देखिए। बस यही पर्याप्त होगा।

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