अशोक तिवारी : केंद्र सरकार ने बदली.. पुलिस को सूचित करें, यह बम हो सकता है…
1990-2014 के दौरान भारत में आतंकियों के हौसले चरम पर थे। जहां कहीं जब कहीं उनका मन होता था पटाखों की तरह बम फोड़ते रहते थे। आस पास हमारे बम फूटना उतना ही कामन था जितना सामान्य चोरी/ ठगी होना। बम्बई, दिल्ली,लखनऊ सभी बड़े शहरों के साथ ही इंटीरियर तक में बम फूटते रहते थे। यहाँ तक कि रेलवे स्टेशनों से ट्रेन पकड़ने में डर रहता था, हर महीने बम फूटते ही रहते थे।
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भयभीत जनमानस को चेतावनी देते हुए आम सूचना लगातार TV में, समाचार पत्रों में प्रकाशित किया जाता था ” लावारिस पड़ी वस्तुओं को न छुए, पुलिस को सूचित करें, यह बम हो सकता है।” नोटों से भरा बैग भी लोग हाथ लगाने से डरते थे। आज स्थिति बदली है। आतंकियों के दुस्साहस को कड़े निर्णय लेने वाले केंद्र सरकार सेना-पुलिस के साहस को बल देकर धूल चटा दी है। 2014 के बाद से स्थिति बदली है।
-अशोक तिवारी
(सदस्य स्टेट बार काउंसिल ऑफ छत्तीसगढ़)