तुलसी साहित्य अकादमी द्वारा लोचन प्रसाद पाण्डेय की जयंती आयोजित

माँ सर्वमंगला मंदिर कोरबा के प्रांगण में तुलसी साहित्य अकादमी,बिलासपुर द्वारा नववर्ष के अवसर पर साहित्य समागम का आयोजन दिनांक ०४/०१/२०२३ को किया गया।
माँ सर्वमंगला का पूजन व लोचनप्रसाद पाण्डेय के चित्र पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम का प्रारम्भ किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के पुरातत्व वेत्ता व साहित्य पुरोधा लोचनप्रसाद पाण्डेय के योगदान को याद किया गया वहीं दुरपा की माटी पुत्र माँ सर्वमंगला के पुजारी तथा कथाकार व कवि राजेंद्र कुमार पाण्डेय का साहित्यिक अभिनन्दन किया गया।
इस अवसर पर काव्यांजली के माध्यम से नवोदित व वरिष्ठ रचनाकार अपनी काव्य रचनाओं से लोचन प्रसाद पायण्डेय जी के प्रति कृतज्ञता भाव प्रकट किये।

इस अवसर पर तुलसी साहित्य अकादमी की कोरबा इकाई का दीलिप अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित करने की घोषणा संरक्षक डा विनय पाठक व प्रांताध्यक्ष डा राघवेंद्र दुबे द्वारा किया गया।

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कार्यक्रम के मुख्य आसंदी पर प्रमुख अभ्यागत के रुप में डा विनय कुमार पाठक, अध्यक्षता डा राघवेंद्र दुबे,वि. अतिथि के रुप में राजेंद्र कुमार पाण्डेय,डा अरुण कुमार यदु,मुकेश चतुर्वेदी,दिलिप अग्रवाल, गेंदलाल शुक्ल द्वारा सुशोभित किया गया।
स्वागत भाषण में डा राघवेंद्र दुबे ने तुलसी साहित्य अकादमी का उद्देश्य नवयुवकों में साहित्य संस्कार देने हेतु भारत वर्ष में साहित्यिक मंच देने का प्रयास किया जाना बताया। इस अवसर पर गेंदलाल शुक्ल, दिलीप अग्रवाल,मुकेश चतुर्वेदी,जगदीश श्रीवास,एके यदु,गीता विश्वकर्मा ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के मुख्य अभ्यागत डा विनय पाठक ने लोचन प्रसाद पाण्डेय जी की जीवनी व छत्तीसगढ़ नव निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित करते हुये बताया कि हिंदी के परिष्करण तर स्वच्छंद वाद को आगे लाने में उनका योगदान था, छोटे भाई मुकुटधर पाण्डेय एवं उनसे मिलने बैलगाड़ी पर चढ़ कर रामचंद्र शुक्ल बालपुर गये थे। महानदी घाटी पर पुरातात्त्विक खोज पर लोचन प्रसाद पाण्डेय ने सबसे पहले कार्य किया गया था।
इस अवसर पर स्थानीय रचनाकारों ने समसामयिक कवितायें प्रस्तुत कर शीत ऋतु के मौसम के अनुकूल खुशनुमा माहौल बना कर श्रोता दीर्घा को काव्य रसों से तृप्त और प्रसन्न करने में सफल रहे।

राजेंद्र कुमार पाण्डेय, सनत कुमार तिवारी ,डा अरुण कुमार यदु, डा राघवेंद्र दुबे,अंजनीकुमार सुधाकर, महेंद्र दुबे, हीरामणी वैष्णव,बलराम राठोर, गीता विश्वकर्मा,जगदीश श्रीवास, अनसुइया श्रीवास, डिकेश्वर साहू, हिमांशु चतुर्वेदी,राम कली कारे, बालकृष्ण, दिलीप अग्रवाल, मुकेश चतर्वेदी ,विवेक पाण्डेय सहभागी रचनाकारों में थे।

प्रथम सत्र के कार्यक्रम का सफल संचालन अंजनी कुमार सुधाकर,वरि साहित्यकार द्वारा व आभार प्रदर्शन सनत कुमार तिवारी वरिष्ठ साहित्यकार द्वारा किया गया।

इस अवसर पर पत्रकार किशोर शर्मा, एवं प्राध्यापिका व वरा साहित्यकार डा तारा शर्मा,नीलम तिवारी,विवेक पाण्डेय,मयंक पाण्डेय, नन्हा पाण्डेय , एवं इ.टी.वी. के पत्रकार दल की विशेष उपस्थिति रही।

द्वितीय सत्र काव्यांजली का सफल संचालन जितेंद्र वर्मा द्वारा तथा आभार प्रदर्शन मुकेश चतुर्वेदी द्वारा किया गया।

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