कुमार सतीश : सेक्युलर ब्रिगेड को.. मालूम.. बिहार तथा पूर्वांचल के लोग.. भोकाल से ज्यादा “ठोकाल” पर भरोसा.. 

परिस्थिति और माहौल चाहे कितनी भी बदल जाए…
परंतु, लोगो ने अपनी आस्था और परम्परा से जरा भी समझौता नहीं किया.
और हाँ…
हम हिन्दुओं के हर पर्व  त्योहार में … सेक्युलर और अंग्रेजी ब्रिग्रेड ज्ञान देते हुए मिल जाएँगे कि होली न मनाओ और पानी बचाओ.
दीपावली में पटाखे न जलाओ और पर्यावरण बचाओ.
इसी तरह जल्लीकट्टू से लेकर दही हांडी और करवाचौथ तक में भोकाल देते हुए दिख जाएंगे.
लेकिन…. आपने आज तक छठ पूजा पर किसी को भोकाल देते हुए नहीं सुना होगा.
क्योंकि, छठ पूजा मुख्यतः बिहार और पूर्वांचल की पूजा है जो पूरी आस्था एवं विधि-विधान से तथा वैदिक तरीके से मनाई जाती है.
और… हमारे बिहार तथा पूर्वांचल के लोग… भोकाल से ज्यादा “ठोकाल” पर भरोसा करते हैं.
इसीलिए, सेक्युलर ब्रिगेड को भी ये बात मालूम है कि अगर वे इस पर कुछ बोलेंगे तो बिहार के लोग उसमें कोई तर्क-फर्क दे के समय खराब नहीं करेंगे.
बल्कि, उसी समय उन्हें पटक के हाथों-हाथ छठ मैया की महिमा समझा देंगे.
क्योंकि, जब बिहार के लोग देश और दुनिया से लाखों परेशानियों के बावजूद भी छठ पूजा में अपने घर आने से नहीं चूकते हैं…
तो, ऐसी भोकाल पार्टी को पटक के समझा देना तो उनके लिए मच्छर मारने के समान है.
इसीलिए… बिहार की लंठई और आक्रामकता जहाँ बिहार का एक निगेटिव पक्ष है…
वहीं, छठ पूजा एवं जितिया जैसे त्योहार के संरक्षण का एक बड़ा कारण भी है.
और, मेरे ख्याल से हिन्दू सनातन धर्म के हर एक पर्व त्योहार में कोई न कोई एक राज्य ऐसा हो जहाँ वो मुख्य रूप से मनाया जाता हो और उसपर भोकाल देने वाले ब्रिगेड को… उसी समय पटक के मुँह-कान फोड़-फाड़ देने पर उतारू हो जाये.
इसके बाद शायद ही किसी की ऐसी हिम्मत पड़ेगी कि कोई हमारे धर्म, पर्व-त्योहार और आस्थाओं पर सवाल उठाए.
खैर, छठ पूजा के समापन पर सभी हिन्दू सनातनी मित्रों को हार्दिक बधाइयाँ…!!
जय छठी मईया…!!
जय महाकाल…!!!

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