3-4 दिन में चालू हो जाएगी मड़वा की बंद इकाई

यूनिट-1 से रिकार्ड लगातार 100 दिनों तक उत्पादन

कोरबा।ब्यूरो डेस्क। बिजली कंपनी के मड़वा थर्मल प्लांट में 500 मेगावाट की दो इकाइयां संचालित हैं। इसमें 500 एमवी की एक इकाई का जनरेटर जनवरी में खराब हो गया था। इसके चलते कंपनी का बिजली उत्पादन बंद पड़ा हुआ है। जनवरी में नवपदस्थ मुख्य अभियंता आर.के. श्रीवास ने जल्द से जल्द इसे प्रचालन में लाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
बंद पड़े प्लांट के जेनेरेटर का निर्माण चूंकि भेल द्वारा किया गया था और जेनेरेटर के ब्लेड को क्षति पहुंची थी। वारंटी पीरियड में होने के कारण भेल कंपनी को कहा गया।भेल ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ब्लेड के साथ अन्य उपकरण भी क्षतिग्रस्त होने के कारण जिस तरह की दिक्कतें आई है, उससे समय लग सकता है।

मरम्मत के लिए की जा रही समस्त प्रक्रियाओं के दौरान 24 मार्च को कोरोना महामारी के चलते पूरे देश मे लॉकडाउन हो गया, जिसके कारण लगभग ढाई महीने तक प्रशिक्षित टेक्नीशियनों की उपलब्धता समय पर न होने के कारण दिक्कतें बढ़ गई। बावजूद इसके मुख्य अभियंता श्री श्रीवास ने हार नही मानी और विशेष अनुमति लेकर तत्कालीन डायरेक्टर ओ.सी.कपिला के साथ हरिद्वार गए।इस दौरान मोहम्मद अब्दुल कैसरहक लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए थे और लॉकडाउन के दौरान वाहन को सुधार करने में लगी टीम की निरंतर आवाजाही के लिए अनुमति दिलाया।एन. के. बिजौरा, एमडी, जनरेशन कंपनी भी दौरा कर स्थिति पर नजर रखते हुए सक्रिय रहे।

एन.टी.पी.सी. से भी मांगी गई थी मदद

लॉकडाउन के कारण हो रहे विलंब को दृष्टिगत रखते हुए श्री श्रीवास एन.टी.पी.सी. से भी तकनीकी खराबी के सुधार के लिए उपयोग में आने वाले उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एन.टी.पी.सी. प्रबंधन के संपर्क में लगातार लगे रहे। एन.टी.पी.सी. प्रबंधन ने भी सहयोग के लिए हामी भर दी लेकिन एन.टी.पी.सी. प्रबंधन की विभागीय प्रक्रिया में काफी समय लग गया,तब तक इनका काम लगभग समाप्ति की ओर आ गया।

जून में मिली 169 लोगों को लॉकडाउन में अनुमति

चूंकि इसके सुधार के लिए प्रशिक्षित टीम की जरुरत थी लेकिन इसके लिए लगभग 200 लोग कोरबा में ही थे। हावड़ा,हैदराबाद से भी लोगों को प्रशिक्षित टीम का आना सुनिश्चित करने के लॉक डाउन की अवधि में श्री श्रीवास अपने उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में लगातार शासन-प्रशासन से अनुमति लेने की प्रक्रिया में प्रयासरत रहें। लगातार सीनियर अधिकारियों के सतत प्रयासो के बाद जून में उन्हें जिला प्रशासन से 169 लोगों के लिए अनुमति मिली, जिसकी अनुमति दिलाने के लिए एम.डी. अब्दुल कैसरहक ने सक्रिय भूमिका निभाई।
सुधार के लिए हावड़ा,हैदराबाद कलकत्ता, हरिद्वार,भोपाल सहित कई स्थानों से विशेषज्ञों की टीम आई,जिन्हें शासन के निर्देशानुसार क्वारेंटाइन के साथ निरंतर स्वास्थगत परीक्षण कराया जाना भी एक दीर्घकालिक प्रक्रिया से गुजरता है, इस कारण भी सुधार कार्य में विलंब हुआ।

तकनीकी रूप प्लांट में इतनी परेशानियों के बाद भी यूनिट-1 से लगातार 100 दिनों तक उत्पादन हुआ, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।इसका श्रेय प्लांट के अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम को जाता हैं।
-आर.के.श्रीवास, मुख्य अभियंता।

” जेनेरेटर में आई तकनीकी खराबी के कारण उत्पादन बंद हुआ था, जिसे अब सिंक्रोनाइजेशन के बाद जल्द उत्पादन 3-4 दिवस के भीतर चालू कर दिया जाएगा ” -एनके बिजौरा, एमडी, जनरेशन कंपनी।