सावन सोमवार का पहला दिन मोदी सरकार के लिए रहा खास…
कूटनीतिक चाल में कैद हो रहा ड्रैगन
ब्यूरो डेस्क। सावन सोमवार मोदी सरकार के बड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं।प्रधानमंत्री मोदी के लद्दाख यात्रा के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कोई ठोस रास्ता निकलेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने चीन का बिना नाम लिए विस्तारवादी नीति को लेकर जिस तरह से लताड़ा,उसपर समर्थन में कई देश भारत के साथ खड़े हुए।इस कूटनीतिक वॉर से धराशाई हुए चीन ने अपने कदम पीछे खींचे है।
कई मायनों में सावन का यह पहला सोमवार भी खास कहा जा सकता है,जब चीन की सेना के लगभग 2 किलोमीटर पीछे हटने की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, चीन के सैनिक तीन पोस्ट गलवान, हॉटस्परिंग, गोगरा से वापस जाते दिखे हैं। अगले 24 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं। पिछले दो माह से दोनों देश के सेनाएं आमने-सामने हैं। भारत अभी चीन के सैनिकों के वापस जाने के मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। पैंगोंग पर अभी भी चीन के सैनिक जमे हैं। भारत का साफ कहना है कि चीनी सैनिकों को फिंगर 8 से पीछे जाना होगा।राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल के मैदान में आकर हुई वार्ता के बाद सेना पीछे करने पर चीन सहमत हुआ।
उल्लेखनीय है कि भारत चीन सीमा विवाद के पीछे मुख्य कारण भारत द्वारा लद्दाख में अपनी सीमाओं के भीतर कराया जा रहा सड़क निर्माण है।चीन अपने इलाकों में तो बड़े कंस्ट्रक्शन कर रहा है लेकिन भारत के इंफ्रस्ट्रक्चर पर हमेशा सवाल खड़े कर दादागीरी दिखाने की कोशिश करता है।