राजस्थान में एलान.. 25 लाख ₹ घूंघट मुक्त पंचायत को मिलेगा पुरस्कार…
राजस्थान में घूंघट प्रथा है, इसको खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार व विधायक संयम लोढ़ा ने एक अपील की है। कुछ दिन पहले संयम लोढ़ा ने ऐलान किया है कि उनकी विधानसभा में जो भी ग्राम पंचायत इस कुप्रथा से मुक्त होगी उसे 25 लाख का इनाम दिया जाएगा।
कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद के बाद अब राजस्थान में हिजाब बनाम घूंघट पर बहस छिड़ गई है।एक तरफ दिग्विजय सिंह ने हिजाब और घूंघट की तुलना की है, लेकिन राजस्थान में कई विधायक घूंघट के समर्थन में उतर आए हैं। एक विधायक तो खुद घूंघट में नजर आईं। विधायक इंदिरा बावरी ने कहा, “घूंघट न तो हिजाब की तरह कोई धार्मिक पहचान है और न बंधन। ये सम्मान का प्रतीक है। इंदिरा का कहना है कि हिजाब और घूंघट की तुलना नहीं की जा सकती है।”
‘ दूसरी तरफ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने घूंघट को महिलाओं पर बोझ बताया है। उन्होंने इस प्रथा को खत्म करने वाली पंचायत को 25 लाख रुपये देने का ऐलान कर घूंघट पर बहस की शुरुआत कर दी है।
राजस्थान में घूंघट कई जातियों में तो प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। जयपुर में एक महीने पहले आयोजित हुए क्षत्रिय युवक संघ की रैली में महिलाएं राजपूती पहनावे में आधे घूंघट के साथ पहुंची। राजस्थान में ग्रामीण परिवेश में घूंघट परंपरा अब भी जीवित है, लेकिन अब पहले जैसी बाध्यता नहीं है। धीरे धीरे घूंघट प्रथा खत्म तो हो रही है, लेकिन फिर भी विशेष अवसर पर इसका पालन किया जाता है। वहीं अब लंबा घूंघट आधे घूंघट में बदल गया है. घूंघट की ये प्रथा भी सिर्फ बहुओं में है बेटियों में नहीं।