हरीश चंद्र शर्मा : मंगलवार रात्रि 9:30 बजे से सूर्य का उत्तरायण प्रारंभ
उत्तरीय गोलार्द्ध मे आज सबसे छोटा दिन होगा।कुछ दिनों तक आपको इसका अनुमान नहीं लग पाएगा। पर कुछ दिनो पश्चात आप अनुभव करेंगे कि सूर्यास्त का समय सायं देर से होने लग जाएगा तथा दिन के बढ़ने का अनुमान सायंकाल से लगने लग जाएगा। किंतु सूर्योदय का समय देरी से होता रहेगा यहां तक कि जो आज 7:20 पर हो रहा है वह 3 फरवरी को भी 7:20 बजे ही होगा। 19/20 जनवरी को यह अधिकतम होगा , 7:25 बजे होगा । यहां पर जो सूर्योदय लिखे गये हैं वे उदयपुर के हैं । इसी अनुपात में और स्थानों पर अंतर देखा जा सकेगा।
मंगलवार रात्रि 9:30 बजे से सूर्य का उत्तरायण प्रारंभ हो गया है तथा शिशिर ऋतु भी प्रारंभ हो गया । उस समय सूर्य की स्थिति परम दक्षिण पर होगी । सूर्य की परम दक्षिण क्रांति 23अंश 26 कलाएं हैं । जो धीरे धीरे घट रही है जो पहले 23अंश 27 कलाएं थी वह अब 23अंश 26 कलाएं रह गयी है यह घटते घटते 22.5 अंश तक हो जाएगी तब फिर यह बढ़ने लग जाएगी और बढ़ते बढ़ते यह 25.5अंश तक पहुंचेगी ।
इस चक्र को लगभग 40000 वर्ष लगते हैं । इसके घटने से मौसम मे बहुत परिवर्तन दिखाई देता है ।
कर्क और मकर रेखाओं की स्थिति मे परिवर्तन आने लगता है और वे निकट आने लग जाती हैं । इस कारण उष्णकटिबंध का क्षेत्र छोटा होने लगता है । उस क्षेत्र मे गर्मी बढ़ने लग जाती है, सर्वदूर पानी का वाष्पीकरण अधिक होने लगता है । वायु की आर्द्रता मे वृद्धि होती है । वर्षा काल असंतुलित होने लग जाता है तथा जब तब वर्षा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं ।
इस क्षेत्र के अलावा पृथ्वी के शेष भाग मे सर्दी बढ़ने लगती है और बहुत बड़ा क्षेत्र बर्फ से ढक जाता है वहां का जीवन कठिन हो जाता है । इसी को हिम युग का प्रारंभ कहा जा सकता है । ऐसी विषम परिस्थिति में जनसंख्या का ह्रास होना भी स्वाभाविक हो जाता है । अभी जो जन संख्या का विस्फोट दिखाई दे रहा है और हमे हमारे परिवारों को सीमित करने की योजना वनानी पड़ रही है, धीरे धीरे इसका उलट हो जाएगा और हमे जनसंख्या की वृद्धि का विचार पुनः करना पड़ जाएगा । प्रकृति अपना खेल इसी प्रकार से करती रहती है ।
