राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योग, आयुर्वेद, शिक्षा के क्षेत्रों में स्वामी रामदेव के योगदान की सराहना की..

पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं उनसे भारतीय ज्ञान-विज्ञान, विशेषकर आयुर्वेद तथा योग को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व-पटल पर गौरवशाली स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुँचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव जी ने योग की लोकप्रियता को बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। जन-सामान्य को भी योगाभ्यास से जोड़कर उन्होंने अनगिनत लोगों का कल्याण किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह गलत धारणा रखते हैं कि योग किसी पंथ या संप्रदाय विशेष से सम्बद्ध है, जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आगे कहा कि वो मानते हैं कि योग सबके लिए है, योग सबका है। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं उनसे भारतीय ज्ञान-विज्ञान, विशेषकर आयुर्वेद तथा योग को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व-पटल पर गौरवशाली स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि उन्हें यह देखकर प्रसन्नता होती है कि पतंजलि समूह के संस्थानों में भारतीयता पर आधारित उद्यमों और उद्यम पर आधारित भारतीयता का विकास हो रहा है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्रों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि हम सभी प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को अपनाएँ तथा प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन न करें।  भारत में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने प्राकृतिक उत्पादों के इस्तेमाल की सलाह दी। सूरीनाम और क्यूबा का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि साम्यवादी देशों में भी योग दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है।

 

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